स्टार प्लस नया टीवी शो चीकू की माँ दूर के रिव्यु star plus new tv show chikoo ki maa dur kei review .

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स्टार प्लस टीवी शो चीकू की माँ दूर के 

star plus tv show chikoo ki maa dur kei 

नाम से ही पता चलता है कि कहानी किसी बच्चे अथवा बच्ची  पर बेस्ड है...जी हाँ,  “चीकू की मम्मी दूर के” स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहा एक नया शो है. यह  कहानी भी कुल्फी कुमार बाजेवाला से मिलती जुलती है . या यूँ कह ले यह उसका दूसरा नया वर्जन है तो गलत नहीं होगा .पहला शो गाने पर आधारित था और यह डांस पर आधारित है. वैसे भी दोनों शोज के मेकर एक ही प्रोडक्शन हाउस हैं- फॉर लायंस.


कहानी :- 


कहानी एक चीकू नाम की बच्ची की है जो किसी कारण बचपन में ही अपने माँ -बाप से बिछुड़ा चुकी है और वो इस वक़्त कई अनाथ  बच्चों के साथ एक खोली में रहती है जहाँ बच्चों की गॉड मदर रंगोली नाम की एक औरत, बच्चों से चोरी- चाकरी का काम करवाकर अपना उल्लू सीधा करती है. मगर उन सभी बच्चों में चीकू  सबसे अलग होती है. और जो चीज़ उसे सबसे अलग बनाती है वो उसका  डांस होता है. चीकू के रग - रग में डांस भरा है . जब वह  डांस करती है तो दुनियाँ – जहान  को भूल जाती है .

इसी डांस को आधार बनाकर मेकर्स ने उस बच्ची की पूरी कहानी गढ़ी है. कत्त्थक डांसर  पायल यानि कि चीकू की माँ जो एक बड़े घराने की बहु है,  कभी इस बात को स्वीकार नहीं करती की उसकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं. अपने विश्वास को जिंदा रखने के लिए पायल  बाहर के बच्चों से जुडी रहती है . जबकि पायल के घर वाले पायल की सोच के खिलाफ होते हैं और वे हमेशा उसे यही एहसास दिलाने की कोशश करते हैं कि उनकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है . लेकिन पायल नहीं मानती . 

और फिर एक दिन पायल अचानक अपनी बेटी चीकू  से टकराती है जिसके बाद पायल को उस बच्ची से लगाव हो जाता है जो उसे अपनी बच्ची की याद दिलाती है . जैसा कि मैंने बताया कहानी की लाइन वही कुल्फी कुमार बाजे वाला का ही है . मगर दोनों की स्टोरी टेलिंग्स और फीलिंग्स में बहुत ही  ज्यादा अंतर है . जहाँ कुल्फी कुमार बाजेवाला में सिचुएशन और फीलिंग्स की भरमार थी , वहीँ चीकू  की मम्मी दूर के में इसकी कमी खलती है . इसके साथ ही दर्शक को यह  पहले हफ्ते ही बताया जाना ज़रूरी था कि पायल की बेटी आखिर कैसे और किस सिचुएशन में में गुम हुई थी जो दर्शकों को बताया नहीं गया.  इसके अलावे बच्चों की गॉड मदर रंगोली जो बच्चों से चोरी करवाती है, गनपत पुलिस वाले का उसका बॉय फ्रेंड होना , ऐसा लगता है  राइटर ने खुद के बचाव के लिए उन्हें जोड़ के रखा है ताकि कानून के लम्बे हाथ रंगोली तक पहुँच न सके . माँ बच्ची के सीन के अलावे पायल की जेठानी और जेठ के सीन्स टिपिकल सास -बहु साजिश वाले लगते हैं,  जिन्हें  शायद जबरजस्ती सिर्फ इसलिए रखा गया है   ताकि 22 मिनट का एपिसोड बन सके . खैर जो भी हो, अभी तो यह शो अपने शुरुवाती दौर पर  है. आगे देखना ये है कि ये शो कितना कमाल कर पाता है..हमारी शुभ कामनाएं इनके साथ है.  

 

 


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