रविवार की छुट्टी का प्रचलन आज का नहीं बल्कि अंग्रेजों के ज़माने से चला आ रहा है. जानकारी के लिए बता दूं कि जून 10, वर्ष 1890 को रविकार को छुट्टी का दिन घोषित किया गया था. जब देश में अंगेजी हुकूमत का शासन था तो वे भारतीयों से जो मजदूर वर्ग के थे, जी तोड़ मेहनत करवाते थे और उनसे पूरा सातो दिन काम लिया जाता था . इसी कारण उस समय के नेता नारायण मेघाजी लोखंडे मजदूरों के लिए सप्ताह में एक दिन की छुट्टी की मांग की. लेकिन अंग्रेजों ने उनके प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया. और ये लड़ाई लगातार सात सालों तक चली रही. लेकिन नारायण जी अपने आन्दोलन से पीछे नहीं हटे और फिर अंत में 7 वर्षों की ज़ोरदार लड़ाई और आन्दोलन के बाद अंग्रेजों को नारायण मेघाजी लोखंडे के सामने झुकना पड़ा और उसी दिन से रविवार को हफ्ते में एक दिन के लिए छुट्टी घोषित किये जाने की घोषणा की.
रविवार की छुट्टी के पीछे का आन्दोलन और कहानी ( Holiday on Sunday
दिसंबर 26, 2022
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