इस संसार की यही रित है कि हर उस इंसान की खोज होगी जो अद्भूत होगा अलग होगा और जो लोगों को स्वयं के बारे में जानने के लिए विवश कर देगा. आज तक इन्टरनेट पर लोग मार्कजुकर्वग, स्टीव जॉब , गूल के सीईओ, मायक्रोसॉफ्ट के सीईओ , क्रिकेटर, फिल्म स्टार , राजनेता, अभिनेता, उद्योगपति को ढूंढते रहे मगर ये पहली बार है जब गूगल का सर्च इंजन आज एक भारतीय संत को ढूंढ रहा. उसके बारे में लोगों को जानकारी मुहय्या करवा रहा और उस भारतीय संत और महात्मा का नाम है आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री ( Acharya Dhirendra Shastri) जो बागेश्वर धाम ( Bageshwar Dham) के एक संत है.
बागेश्वरधाम वाले आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री ( Acharya Dhirendra Shastri) कैसे बने एक चमत्कारी संत ?
बागेश्वर धाम (Bageshwar dham) - आचार्य धीरेन्द्र शास्त्र की फैन फोलोईंग इतनी बढ़ चुकी कि क्या देश और क्या विदेश अब तो पाकिस्तान और सिंध से भी लोग उनके दरबार में आकर अपनी हाज़री लगाने लगे हैं. ये तो सत्य है कि जहाँ जिसका जितना नाम होगा वहां लोग शांत भी नहीं बैठते लिहाज़ा एक वर्ग ऐसा भी है जो आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री को झूठा और अंधविश्वास फैलाने वाला मानता है. लेकिन ये धीरेन्द्र शास्त्री का चमत्कार ही है कि वो जहाँ भी अपनी शिविर लगाते हैं वहां लाखों में भक्त पहुँचते हैं और उनकी राम कथा और सत्यनारायण कथा सुनते हैं.
लेकिन जो बात धीरेन्द्र शास्त्री को सबसे अलग और अनोखा बनाती है वो केवल उनकी राम कथा या सत्यनारायण कथा नहीं अपितु पर्ची देने का वो चमत्कार है जिसने करोड़ों लोगों को उनकी ओर आकर्षित किया है. आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के यहाँ जितने लोग भी जाते हैं उनके बारे में बाबा को कुछ भी पता नहीं होता...वो बस किसी के भी नाम की पर्ची निकाल देते हैं जिसमे उस व्यक्ति से सम्बंधित बहुत सारे बातें पहले सी ही लिखी होती है.
चकित कर देने वाली बात तो ये है कि धीरेन्द्र शास्त्री जिसके भी नाम की पर्ची बनाते हैं वो व्यक्ति उस कथा पंडाल में मौजूद मिल जाता है..जब बाबा उनसे उसकी परेशानी पूछते हैं और वो आदमी माइक पर अपनी परेशानी बताता है तो उसके बाद बाबा अपनी लिखी हुई वो पर्ची दिखाते हैं जो पहले से ही लिखी गयी होती है...उस पर्ची में वही सब बातें लिखी होती है जो बातें कुछ देर पहले वो व्यक्ति सबको पता चुका होता है.
ऐसा वो एक व्यक्ति के साथ नहीं बहुत लोगों के साथ करते हैं और लोग ये चमत्कार देखकर चकित रह जाते हैं. जब आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का ये चमत्कार लोगों को तक बहुत से समुदाय के लोग आकर इसे अन्धविश्वास कहकर इसका वरोध करने लगे. तब धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि वो ना तो स्वयं को भगवान मानते है ना कोई चमत्कारी पुरुष..ना ही वो कोई जादू टोना करते हैं ना कोई चमत्कार. वो स्वयं को बालाजी जी का भक्त मानते हैं और उन्ही की कृपा से वो लोगों के बारे में बता पाते हैं..लेकिन इसके बावजूद बहुत से दुसरे धर्मों के लोग और मीडिया जब उनके पीछे पड़ गए तो आचार्य धीरेद्र शास्त्री ने सौ मीडिया वालों को बुलाकर खुली चुनौती दी .
जिस दिन बागेश्वर धाम वाले आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री अपना शिविर लगाए थे उस दिन बहुत सारे मीडिया वाले अपना अपना कैमरा और माइक लेकर कथा पंडाल में पहुँच गए. तब बाबा ने वहां दो चमत्कार दिखाए. लेकी चमत्कार दिखाने से पहले उन्होंने इस बात की घोषणा कर दी कि इसके बाद वो किसी को भी अपनी परीक्षा नहीं देंगे. इसके बाद आचार्या धीरेन्द्र शास्त्री की परीक्षा आरम्भ हुई..उन्होंने पहला जो चमत्कार दिखाया वो हैरान कर देने वाला था..उन्होंने माइक लेकर कहाँ कि इन पत्रकारों में जो भी तिवारी नामक पत्रकार के चाचा का नाम अमुक हो वो यहाँ आ जाए.
संयोग वश उनमे से ABP न्यूज़ वाले तिवारी जी निकले और जब ABP NEWS वाले तिवारी मंच पर पहुंचे तो बाबा ने उस व्यक्ति को उनके नाम का पर्ची दिखाकर बताया कि आपकी भतीजी का नाम अमुक है और आपके यहाँ अभी नया घर बना है. तभी झट से न्यूज़ वाले पत्रकार भाई ने कह डाला "हाँ दो दिन पहले ही नए घर में गृह प्रवेश हुआ है और उनकी भतीजी का नाम भी वही है जो बाबा ने कहा. इसके बाद न्यूज़ वाले पत्रकार ने लोगों को भरोसा दिलवाया कि उन्होंने बाबा को कुछ नहीं बताया था . कुछ लोगों ने सोचा ये तो पहले से बताया हुआ भी हो सकता है.
बाबा ने अब अगला चमत्कार दिखाया. आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री ने मीडिया वालों से कहाँ कि आप में से कोई भी एक व्यक्ति इस पंडाल में मौजूद किसी भी व्यक्ति को यहाँ मेरे पास ले आये . उस व्यति का परचा पहले से ही मिलेगा. इसके बाद मीडिया वालों में से कोई एक औरत इसके लिए चुनी गयी और उसने काफी देर इधर उधर निरिशन करने के बाद एक औरत को पकड़कर मंच पर ले आई...अब बारी थी बाबा के चमत्कार की. उस औरत के नाम का पर्चा बाबा ने इस बीच बना लिया था. जब वो औरत मंच पर आई तो आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि तुम्हारे बच्चे को नश की समस्या हैं जिसके कारण वो चल नहीं पा रहा. और तुम्हारे घर में ये ये समस्या है. बाबा की बात सच निकली..उस औरत ने माइक लेकर लोगों को बताया ये बिल्कुल सच है.
इस तरह बाबा ने अब ना जाने इस तरह के कई चमत्कार दिखाए हैं जो लोगों को हैरत में डाल देता है. इसके बाद भी कई लोग बाबा के पीछे पड़े रहें इनमे अंधविश्वास निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव भी थे. वो टीवी में लोगों के पास आकर इसे अंधविश्वास बताते रहे. तब आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री ने उन्हें उनके कथा पंडाल में आने की चुनौती दी. लेकिन आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री की चुनौती को ना स्वीकार कर उन पर अंधविश्वास फैलाने का केस बन गया. लेकिन जब महाराष्ट्र पुलिस ने आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के 61 वीडियों को गौर से खंगाला उन्हें देखा तो वे इस निर्णय पर पहुंचे कि आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री कोई अन्धिविश्वास नहीं फैला रहे इसलिए उन्हें क्लीन चीट दिया जाता है.
Bageshwar Dham wale आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का उन लोगों के लिए सवाल है जो लोग मज़ार और पैर फकीरी करके , पादरी बनकर माथे को छूकर बिजली के झटके वाला जादू और चमत्कार करते हैं उन पर कोई सवाल क्यूँ नहीं करता.? क्यूँ सनातन धर्म के पीछे ही लोग हाथ धोकर पड़े होते हैं. ? इसके पीछे इन विपक्षी नेताओं का भी हाथ है जो हुन्दुत्व से अलग होकर अपनी दूकान चला रहे. क्यूंकि यदि सब आचार्या धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में आ गए तो सब हिन्दुमय हो जाएगा और उनका सारा खेल बिगड़ जाएगा. लेकिन आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री ने भी एक दिनों अपना एक बुलंद नारा दे दिया है. तुम मेरा साथ दो मैं तुम्हे हिन्दूराष्ट्र दूंगा.
शास्त्री जी के बारे में.
आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का का पूरा नाम है - श्री धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग .उनके गाँव का नाम है गढ़ा,पोस्ट गंज ,तहसील हुआ राज नगर. जिला छतरपुर और ये मध्य प्रदेश में आता है. आचार्य जी का जन्म एक फरवरी 1994 को हुआ था और ये 9 साल की आयु से राम कथा और सत्यानारायण की कथा कर रहे हैं. इनके पिता परिवार के लिए इतने जिम्मेदार नहीं थे तब धीरेन्द्र को घर चलाने के लिए राम कथा का सहारा लेना पड़ा . वे उसी वायु में ये सब करते रहे. कई बार उन्हें आस्था और संस्कार चनैल में भी देखा गया है. आज उनके गुरु को अपने इस शिष्य पर गर्व होता है.
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