अजब कुर्सी की गज़ब कहानी जाकर बैठी इंग्लैंड महारानी जानिए कैसे ?
अकसर इंसान की किस्मत खुलते सुना गया था. क्या हो जब किसी
कुर्सी की किस्मत खुल जाए ? हो गए ना आप भी हैरान? मगर यह घटना सच्ची है . जी हाँ , एक भारतीय कुर्सी की किस्मत तब खुल गयी जब उसे इंग्लैंड
के एक रेस्टुरेंट के बाहर एंटीक कुर्सी के तौर पर ग्राहकों के लिए रखवा दिया गया.
उस कुर्सी पर उस शख्स का नाम भी लिखा है जिसने वो कुर्सी एक भंगार वाले को बेची थी .
घटना महाराष्ट्र के कोल्हापुर के
निवासी बाढू लोखंडे की है जो पेशे से एक मंडप डेकोरेटर है . लोखंडे
जी ने अपनी एक पुरानी लोहे की कुर्सी आज से १५ साल पहले एक भंगार वाले को बेची थी. फिर
अचानक कल यही कुर्सी इंग्लैंड के एक बड़े से होटल के बाहर दिखी जिस पर बाढू लोखंडे
जी का नाम भी लिखा है . नाम होने के कारण इस समाचार को फैलते देर नहीं लगी और इसकी
जानकारी कुर्सी के असली मालिक को हो गयी . बहरहाल कुर्सी के पुराने मालिक को अब इस
कुर्सी के लिए कोई मूल्य नहीं मिलेगा . लेकिन ये यह बाढू जी के लिए एक ख़ुशी की बात
है कि उनकी कुर्सी, जिसपर उनका नाम लिखा है, उसे एंटिक बताकर इंग्लैंड के एक बड़े से होटल के बाहर रखी गयी है और लोग उस कुर्सी पर बैठकर अच्छा
महसूस भी कर रहे हैं.
यह घटना इस बात की प्रेरणा देती है
कि कभी -कभी जो वस्तु हमारे लिए किसी उयोग की नहीं होती तब भी वो किसी न किसी के लिए उपयोग की होती है . और कभी कभी तो इतने उपयोग की होती है कि हम आप इसका अंदाज़ा भी नहीं
लगा सकते. कुर्सी का यह किस्सा हम सभी को सोच में डाल देता है और यह साबित करता कि अगर खरीदार मिल जाए तो आप पत्थर को भी सोने के भाव पर बेच सकते
हैं और दुनियाँ ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जो आपको उसका मूल्य भी देने के लिए तैयार
रहती है .
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