world के कुछ सबसे अधिक घातक poisonous snakes जो India में भी पाए जाते और foreign में भी .
दिलचस्प बातें सांपो के बारे
हिंदी में सांप और अंग्रेजी में जिसे snake कहते हैं, धरती पर पाए जाने वाला एक ऐसा जीव है जो लोग को भयभीत भी करता है और आकर्षित भी. खतरनाक होते हुए भी सभी को साँपों के बारे में जानने की बड़ी दिलचस्पी होती है . माना जाता है कि पूरी दुनियाँ में करीब ३००० हज़ार साँपों की प्रजातियाँ है जिनमे सबसे अधिक ज़हरीला किंग कोबरा को माना गया है . साँपों का राजा होने की वजह से ही इसे किंग कोबरा कहते हैं . हिंदी में इसे नाग कहते हैं जिसे हिन्दू धर्म के मानने वाले लोग नागपंचमी के दिन पूजते हैं. Indian mythology में नागों को भगवान का आभूषण कहा गया है जिनकी उत्पत्ति ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रू से हुई है. नाग-नागिन को बहुत शुभ माना जाता है जिनके पास भारतीय मान्यताओं के अनुसार नागमणि होते हैं .
सर्पदंश जब दिखाता है अपना असर
सर्प दो तरह के होते हैं एक ज़हरीले दुसरे बिना ज़हर वाले . माना जाता है कि किंग कोबरा की एक बूँद ज़हर से 30 हाथिओं की एक साथ मौत हो सकती है . इसका काटा उस वक़्त तब मर जाता है जब खून में इसका विष घुलकर थक्के बनाता है . खून में थक्के बनते ही रक्त संचार बंद होने लगता है जिससे मस्तिस्क में ऑक्सीजन में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिसके बाद इंसान को बहुत ज़ोरों की नींद आने लगती है . मगर बहुत सर्पं ज़हरीले नहीं होते . कुछ सर्प पानी में भी पाए जाते हैं . पानी वाले सर्प ज़्यादातर ज़हरीले नहीं होते . जो snake सूखे रीतीले स्थानों या पहाड़ों पर पाए जाते हैं वो अत्यंत घातक होते हैं .
ज़हरीले सांप और उनकी दुनियाँ
king cobra, black mamba, fer-de-lance , boomslang, eastern tiger snake, saw-scaled viper banded krait, inland taipan यह सभी दुनियां के अत्यंत ही घातक और विषैले सर्प माने जाते हैं .सर्पों में अजगर सबसे लम्बा होता है मगर किंग कोबरा की भी लम्बाई अच्छी खासी देखी जाती है . अनाकोंडा तो एक भीमकाय सर्प माना जाता है जो बहुत ही भारी और लम्बा चौड़ा होता है. आप अनेकोंडा मूवी में उस सर्भाप को देख सकते हैं..भारत की अगर बात करें तो भारत में करीब 70 किस्म के सर्प सबसे अधिक ज़हरीले और प्राण घातक होंगे ..कुछ में कम ज़हर होता है और कुछ में तो ज़हर ही नहीं होता . जैसे घास फूस में पाए जाने वाले पीले सर्प , पानी वाले धामन सर्प . यह काटते ज़रूर हैं मगर विष नहीं लगता .
बनावट
सर्प snake अपना भोजन कभी
चबाता नहीं बल्कि वो सीधा उसे निगल जाता है . सर्प के ऊपरी और नीचली जबड़े, एक साथ
मिलकर एक स्प्रिंग की तरह काम करता है जिसकी वजह से एक सर्प अपना मुंह भोजन के
अनुसार बड़ा कर लेता है और उसे धीरे- धीरे
करके निगल जाता है . सर्प के न तो कान होते हैं और न ही पैर .उनकी आखें भी ऐसी
होती है जिसे वो कभी बंद नहीं करता . शरीर के नीचले हिस्से में मौजूद घडारियों की मदद से ही सर्प रेंगता है .
खासियत
सर्प किसी भी ध्वनि या आहाट को अपने शरीर से डिटेक्ट कर लेता है और फ़ौरन पलटकर हमला कर देता है . लेकिन सर्प अकसर तभी डसने के तैयार होते हैं जब सामने ज्यादा खतरा हो . क्यूंकि कोई भी ज़हरीला सर्प अपने ज़हर को फालतू में बर्बाद नहीं करना चाहता क्यूंकि उसे बनने में वक़्त लगता है और वो ज़हर सर्प के शरीर को सभी तरह के रोगों से बचाकर भी रखता है .इसलिए सर्प केवल उसी वक़्त हमला करता है जब वो चारो और से घेर लिया गया हो .
भोजन आवास और इंसानों से रिश्ता
मेढक और चूहा सर्प का विशेष आहार होता है लेकिन कोई -कोई सर्प तो महीनो तक भोजन नहीं करता . आपने देखा होगा सर्प ज़्यादातर खेतों , पहाड़ों , अनाज के ढेरों और बहुत पुरानी जगहों पर ही पाए जाते हैं जहाँ लोग कम जाते हैं . मेरे अनुसार धरती पर यही एक ऐसा जीव है जिसकी जान हमेशा खतरे से घिरी रहती है . क्यूंकि सर्प को देखते ही सबसे पहले लोग पत्थर या डंडा उठा लेते हैं . जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए . आप महसूस करेंगे या आपने कभी देखा होगा कि कोई भी सर्प सोते हुए आदमी को नहीं काटता . या शरीर पर चढ़ जाने पर अगर कोई हरकत ना हो तो वो रेंगकर निकल जाता है . इसलिए जरूरत है हमे हर पशु - पक्षी और जानवरों के बॉडी लंगेवेज को समझने की . सर्प भी हमारे पर्यावरण को संतुलित करने में अहम् भूमिका निभाते हैं इसलिए हमे सर्पों को बिना मारे उन्हें पकड़कर दुसरे स्थान पर छोड़ देना चाहिए .
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