इंडिया के लिए ख़ास रही इस बार की दीपावली .
कहते हैं हर चीज़ का एक सही वक़्त मुक़र्रर होता है. वो सही वक़्त आपके लिए हो सकता है .आपके मित्रों के लिए हो सका है या फिर किसी के लिए भी हो सकता है .मगर इस बार वो सही वक़्त हमारे भारत देश के लिए रहा . जी हाँ , आपको ये जानकर ख़ुशी होगी कि अब दुसरे देशों के त्योहारों की तरह भारत के अति प्राचीन पर्व दीपावली को भी एक ग्लोबल फेस्टिवल की मान्यता मिलने लगी है . तभी तो इस बार कई देशो ने मिलकर अपने तहे दिल से हमारे देश भारत को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं भेजी .
कुछ कुछ देशों के प्रधानमंत्री ने तो अपनी शुभ कामनाएं हिंदी में ही दी . जिनमे अमेरका के राष्ट्रपति , ब्रिटेन के प्रधान मंत्री , रूस के राजदूत ,कनाडा के प्रधानमंत्री और आस्ट्रलिया के प्रधानमंत्री की शुभ कामनाये बहुत ही ख़ास रहीं. इसके साथ ही कई देशों में तो रंगारंग कार्यक्रम भी हुए और कहीं- कहीं धूमधाम से पूजा भी की गयी .
कुल मिलकर देखा जाए तो इस बार की दीपावली की रौनक का बाहरी देशों में दिखना और वहां के लोगों का वहां के भारतीयों के साथ मिलकर खुशियाँ मानना, इस बात को दर्शाता है कि उनके मन में भारत की सदियों पुरानी छवि अब धीरे धीरे बदलने लगी है . उनके दिलों से गुलाम और पिछड़े भारत की मानसिकता वाली बात निकलकर अब उस नए भारत की बात आने लगी है जिसमे वो भारत की सभ्यता और संस्कृति सम्मान देने लगे हैं .
दीपावली का पर्व हम क्यूँ मनाते हैं और ये पर्व हमारे लिए क्यूँ ख़ास है, अब ये बात लगभग सभी देश जानने लगे हैं कि जब श्रीराम , दुष्ट रावण का वध करके अयोध्या लौटे तो पूरी अयोध्या नगरी को दीये से सजा दिया गया . माना जाता है कि आज ही के दिन देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था जिसके बाद धन्वन्तरी अमृत कलश लेकर बाहर आये थे और देवी लक्ष्मी का प्राकट्य भी इसी दिन हुआ था . अत: कम शब्दों में निष्कर्ष के तौर पर हम यही कहेंगे कि इस बार भारत को बाहरी देशों से जो बधाइयां मिली हैं वो किसी दीपावली गिफ्ट से कम नहीं .
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