कहानी महादेव के नए अवतार बालशिव की

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 महादेव ने इस बार लिया है बालशिव का अवतार क्या है ख़ास & tv के show में जानिए? 




टी.वी वर्ल्ड में जहाँ एक ओर सास-बहु और क्राइम शोज की भरमार है वहीँ दूसरी ओर कुछ भक्ति वाले सीरियल्स भी यदा-कदा दिख ही जाते हैं जिनसे दर्शकों का अच्छा खासा मनोरंजन होता रहता है. लेकिन बहुत से लोग आज भी भक्ति वाले शोज सिर्फ भक्ति की ही भावना से देखते हैं. 


वैसे निर्माता बिना रिस्क लिए अक्सर लोकप्रिय भगवानों को ही चुनकर उनपर अपना एक्सपेरिमेंट करने में दिलचस्पी दिखाते हैं वो भी भगवानों पर बिना कोई बदलाव या फेर बदल किये हुए. मगर इस बार &tv ने जो एक्सपेरिमेंट किया है वो बहुत ही अलग और अनोखा है .जी हाँ, अलग इस बात से है कि उनका टीवी शो इस बार महादेव पर आधारित ज़रूर है मगर वो महादेव बालशिव है. यानि कि महादेव का एक नया बच्चे वाला अवतार .



ज्ञात हो कि यह आयडिया उस कथा का विस्तृत रूप है जब एक बार त्रिदेवियाँ सती अनुसूया के सतीत्व धर्म से इर्ष्या करने लगती हैं और वे तीनो इसी जलन से अपने -अपने पतियों ब्रह्मा, विष्णु और महेश को अनुसूया के पति धर्म को खंडित करने भेज देती हैं .जिसके बाद ब्रह्मा विष्णु और महेश सती अनुसूया से निर्वाण भिक्षा मांगते हैं . इस भिक्षा  के लिए अनुसूया त्रिदेवों को अपनी सतीत्व बल से शिशु के रूप में परिवर्तित कर देती है. 



इस प्रसंग का जिक्र कई पुराणों में भी आता है .किन्तु वहां कुछ ही क्षणों के लिए होता है, जिसके बाद अनुसूया त्रिदेवो को बड़ा भी कर देती हैं. लेकिन यहाँ कहानीकार ने इसी प्रसंग को लेकर शिव की कथा को नए तरीके से बताने के लिए शिव को हमेशा के लिए एक बाल रूप दे दिया है. शायद कहानी की मांग को देखते हुए एवं उसे और अधिक विस्तृत और रोचक बनाने के लिए धारावाहिक में सति अनुसूया को मुख्य किरदार में रखा गया है जो इस वक़्त संतानहीन है और वो महादेव से हमेशा पुत्र की कामना करती रहती है . 


वहीँ दूसरी ओर पार्वती की माता मैनादेवी चाहती हैं कि उनकी पुत्री को गृहस्थ सुख मिले. लेकिन शिव को इसका कोई ज्ञान नहीं होता. पार्वती जब इस बात के लिए बार -बार अपनी माँ का पक्ष लेती है तो फिर उसी गृहस्थ जीवन का अनुभव लेने शिव बाल रूप ले लेते हैं. लेकिन फिर उसके पश्चात शिव को याद नहीं रहता कि वे महादेव हैं. 


लेकिन अब इसके पश्चात दो समस्याएं खड़ी हो जाती हैं एक तो शिव के अनुसूया के पास चले जाने के कारण पार्वती का वियोग बढ़ जाता है. दूसरा, शिव की स्मृति लोप हो जाने के बाद सृष्टी पर संकट मंडराने लगते हैं .अब बालशिव कैसे स्वयं को माँ, पत्नी और संसार के साथ जोड़े रखते हैं और कैसे असुरों का संहार करते हैं यही बालशिव की कथा है .       

 

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