A HUMAN HEART
सूअर के heart का transplant इंसानों के शरीर में, क्या होता है परिणाम?
सूअर एक ऐसा प्राणी है जिसे
प्राय: लोग पसंद नहीं करते. क्यूंकि यह गंदगियों में रहने वाला एक ऐसा जानवर है
जिसे गन्दी बहुत पसंद है. इस जानवर को इतना खराब माना जाता है कि लोगों ने इसके
नाम से गालियाँ भी इज़ाद कर रखी है . मगर क्या हो, जब आपको पता चले कि यही सूअर इंसानों की
जान भी बचा सकता है तो ?
जी हाँ, यह सच है .अभी कुछ दिन ही पहले ही अमेरिका के एक हर्ट सर्जन (heart surgeon) बार्टले
ग्रिफिथ ने एक 57 के व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट ( heart transplant) किया है. कहा जा रहा था कि उस
व्यक्ति को भयंकर ह्रदय रोग था और उसके बचने की उम्मीद नहीं थी. जानकारी के लिए बता दूं कि
हमारे देश भारत (india) में भी ऐसे कुछ प्रयोग पहले भी हुए लेकिन सबके गंभीर परिणाम निकले . वर्ष 1997 में भारत
के मशहूर सर्जन धनीराम बरुआ ने एक व्यक्ति के शरीर में सूअर का दिल ( pig's heart) प्रत्यारोपित (transplant) किया था मगर वो 4 दिन में ही मर गया. फिर इसके लिए डॉक्टर
धनीराम बरुआ पर केस भी चला .इसके बाद वर्ष 1964 एक व्यक्ति में चिम्पांजी और 1983 में एक व्यक्ति के शरीर में बबुन (एक ख़ास प्रजाति का बन्दर) का दिल प्रत्यारोपि किया गया मगर उसका भी परिणाम गंभीर निकला.
मगर इस साल अमेरिकन डॉक्टर्स की एक टीम ने सूअर के दिल पर काफी रिसर्च किया. रिसर्च के बाद उन्हें पता चला कि सूअर की बॉडी में जो सुगर सेल्स होते हैं वो इंसानों के लिए बहुत खतरनाक है. इसलिए डॉक्टर्स की टीम ने इस बार सबसे पहले सूअर के ह्रदय को जेनिटकली मोडिफाय किया फिर उसे इंसान के शरीर में plant किया.
अब तक वो व्यक्ति ठीक है .अगर यह प्रयोग सफल रहा तो सर्जरी की दुनियाँ में एक क्रान्ति आ जायेगी .क्यूंकि लीवर, किडनी, दिल और लंग्स ऐसे ओर्गेंस है जिन्हें कोई जल्दी दान नहीं करता. इसलिए भारत में आज भी हर दिन 300 लोगों की जान जा रही है .मगर अमेरिका और बाकी दशों में वहां के लोग अंगदान के प्रति काफी जागरुक और वहां ऐसी समस्या कम ही देखने को मिलती है .
भारत में धार्मिकता के साथ- साथ अंधविश्वास भी अधिक
है .लोग मरने के बाद भी अपने किसी अंग को खोना नहीं चाहते ताकि वो पूरे शरीर के साथ स्वर्ग पहुँच सके. मरने के बाद स्वर्ग का तो पता नहीं लेकिन यदि आप
अपना अंगदान करके जायेंगे तो हमेशा के लिए एक अच्छी नामों वाली सूची में अमर बनकर रह जायेंगे और यह बहुत पुण्य वाला काम भी होगा .इसलिए अंगदान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि ज़रुरत के वक़्त लोगों को अंग देकर उनकी जान बचाई जा सके.
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