नीम के उपयोग के बारे में जानिए Neem ke upyog ke baare mein janiye .
नीम के बारे में सभी जानते होंगे
. यह एक ऐसा पेड़ है जो भारत के सभी राज्यों , जिलो और गाँव घरो में पाया जाता है .
इस पेड़ का गाँव-घरों में अधिकता होने के पीछे एक ही कारण है कि ये किसी संजीविनी बूटी
से कम नहीं.चाहे इसकी पत्ती हो, फल या या फिर इसके पेड़ से निकालने वाले गोंद. यह आज
भी कई बीमारियों के इलाज में एक रामबाण
औषधि की तरह काम करता है. मगर आज के पढ़े लिखे युवा इसकी उपयोगिया से अनभिज्ञ हैं.
आइये जानते हैं इसकी उपयोगिता के बारे में.
ज्वर में नीम -
नीम की सीकें एक तोला, काली
मिर्च 6 नग, दोनों को पीसकर पानी के साथ पीने से सब प्रकार का ज्वर दूर हो जाता है
नीम के फल की गिरी , सफ़ेद जीरा,
पीपल ये सब चीज़ें सामान भाग में लेकर करेले के रस में 24 घंटे खरल करके सुखा लें.
सूख जाने पर पुन: करेले के रस में घोंटकर एवं सुखाकर कपडे में छानकर रख लें. इस चूर्ण
को ज्वर सलाई द्वारा सुरमे की तरह आखों मर
अंजाने से ज्वर उतर जाता है.
नीम के पत्तों के दो तोले रस
को गर्म लोहे में छौंककर पीने से ज्वर नष्ट हो जाता है.
नीम मलेरिया में
नीम की पत्तियाँ 1 तोला,
भुनी हुई फिटकरी, ६ माशा दोनों चीज़ों को पानी के साथ पीसकर डेढ़ डेढ़ रत्ती की
गोलियां बना लें. ज्वर आने के दो घंटे बाद एक गोली का सेवन करे. इससे मलेरिया ज्वर
रुक जाता है .
आतप ज्वर में नीम
5 तोले नीम के पंचाग का क्वाथ
, 2 तोले मिश्री मिलाकार पीने से लू लगने पर आया हुआ ज्वर दूर हो जाता है
हैजा में नीम
हैजा में नीम सीकें 4 नग, इलायची बड़ी 1 नग,लौंग 5 नग, नारियल की जटा की भष्म 2 रत्ती , सब चीज़ें एक छटांक जल में बारीक पीसकर थोडा गर्म कर लें . दो दो घंटे के अंतराल में इस औषधि को पिलाने से हैजे में बहुत लाभ मिलता है .
मन्दाग्नि में नीम :
पकी हुई निबोलियों को नित्य खाने से मन्दाग्नि और रक्त विकार में आशातीत लाभ होता है .
जुकाम में नीम
नीम की पत्तियाँ 1 तोला, काली मिर्च 6 माशे, दोनों चीज़ें नीम के डंडे से बारीक घोंटकर चने बराबर गोलियां बनाकर छाया में सुखा ले गर्म जल के साथ तीन चार गोलियां खाने से जुकाम दूर हो जाता है.
प्लेग में नीम
प्लेग के दिनों में नीम का तेल लगाने से तथा पत्तियों की धूनी देने से प्लेग में रक्षा होती है.
प्लेग में नीम की पत्ती और काली मिर्च पीसकर पिलाना अत्यंत हितकारी होता है.
वमन करने पर नीम :
नीम के सीकें 7 नाग गर्म राख में भुनभुना कर , 2 बड़ी इलायची और 5 काली मिर्च के साथ बारीक पीसकर , आधी छटांक पानी के साथ पीने से वमन होना बंद हो जाता है .
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