हिंदी ब्लॉगिंग और फ्यूचर ( Hindi blogging & future )

@Indian mythology
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जब भी हम पहली बार ब्लोगिंग ( blogging ) शुरू करने वाले होते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में एक ही सवाल आता है- हिंदी या इंग्लिश? क्यूंकि भारत में यही दो बड़ी भाषा है. जब तक मन इस उधेड़बुन में लगा रहता है तब -तक हम google search पर जाकर  हजारों bloggers के ब्लॉग देख चुके होते हैं. 

यदि कुछ अधिक जानकार हुए तो सिमिलर वेब पर जाकर उन साइट्स की महीने की ट्रेफिक भी देख लेते हैं और फिर ब्लॉग लिखने के लिए हम अपने मन को जिस भाषा के लिए मना लेते हैं वो भाषा होती है अंग्रेजी. ये बिल्कुल सोलह आने सच है कि भले ही हमे इंग्लिश में लिखना आये या ना आये हम इंग्लिश में blog लिखने का मन बना लेते हैं. 

किन्तु इसके पीछे जो एक मात्र कारण होता है वो होती है हमारी लालच क्यूंकि जो भी नया ब्लॉगर ब्लॉग लिखने की तैयारी में होता है वो थोडा बहुत रिसर्च तो कर ही लेता और उसे उस रिसर्च से पता चलता है कि इंग्लिश की Cpc अधिक हाई  होती  है. हिंदी ब्लॉग (hindi blogging) पर भले ही हज़ार व्यूज आने पर एक-दो डॉलर ना बने लेकिन इंग्लिश वाले ब्लॉग पर बस पचास साठ व्यूज पर ही एक आध डॉलर बनना तो तय ही है. 


कभी -कभी तो  इंग्लिश के सैकड़ों व्यूज पर ही  3-4 डॉलर तक बन जाते हैं. यही डॉलर का लालच ब्लॉगर को इंग्लिश ब्लॉग की ओर धक्के मारकर ले जाता है और फिर वो ब्लॉगर, भले ही उसे इंग्लिश ठीक से ना आती हो वो इधर- उधर से फ्री कॉपी पेस्ट आर्टिकल का जुगाड़ कर उसे स्पीन करवा करवाकर अपने ब्लॉग पोस्ट में डालना शुरू करता है और फिर कुछ समय के बाद एक दो बार की नाकाम कोशिशों  के बाद अंतत: उसे गूगल का AdSense मिल  ही जाता है. 

इसके बाद अब उस ब्लॉगर की यात्रा शुरू हो जाती है. वो कुछ अच्छे keyword कि मदद से अपने ब्लॉग पोस्ट को रैंक भी करवा लेता है. उसके ब्लॉग पर बेहिसाब ट्रफिक भी आनी शुरू हो जाती है. वो हमेशा ख़ुशी से बावला मतवाला सा रहता है. कुछ दिनों तक उसके पोस्ट टॉप 10 के  pages में भी दिखते हैं..लेकिन उसके बाद अचानक से उसे एक दिन पता चलता है कि उसके पोस्ट बहुत पीछे चले गए हैं और अब उसके ट्रफिक भी धीरे- धीरे कम हो गए हैं..किस्मत ख़राब रही तो AdSense भी बैन हो जाता है. 


वो ब्लॉगर अब ठगा सा महसूस करता है. क्यूंकि इतनी मेहनत के बाद वो जीरो पर आ चुका होता है. उसकी सारी मेहनत मिट्टी में मिल  चुकी होती है.
वो भी सिर्फ इसलिए क्यूंकि उसने google से चीटिंग करने की कोशिश की होती. Google जो इतनी बड़ी search engine साईट है ,आपको क्या लगता है उसे कुछ पता नहीं चलता होगा?.  गूगल को सब पता होता है कि कोई भी व्यक्ति अपने blog पर क्या लिख रहा और क्या पोस्ट कर रहा. क्यूंकि  गूगल  के सिस्टम के मुताबिक उनके  क्र्वालर्स आकर हर दिन रोज़ चेक करके जाते हैं और अपना डाटा जामा करते हैं. 


जिस दिन से आप कॉपी पेस्ट और चोरी- चमारी करके article लिखना शुरू करते हैं उसी दिन से गूगल के क्र्वालर्स को पता चल जाता है और फिर एक निश्चित समय आने पर आपको इसका परिणाम भी भुगतना पड़ता है. लेकिन जो ब्लोगर पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ बिना कहीं से कोई कोपी पेस्ट किये ओरिजिनल कंटेंट लिखता है वही  ब्लोगर हमेशा के लिए चलता है. 


लेकिन बहुत सारे ब्लॉगर को ये भारी नुक्सान बर्दाश्त है मगर वे हिंदी में blog लिखने की पहल करने के बारे में सोच भी नहीं सकते. क्यूंकि उन्हें लगता है न तो हिंदी में अधिक Cpc मिलती है ना ही कोई अधिक हिंदी ब्लॉग पढता है. दूसरी बात इंग्लिश में blogging करना एक स्टैण्डर्ड वर्क माना जाता है . आस -पास के लोगों को बताना पढता है..कुछ दिखाना पड़ता है. वहीँ हिंदी वालों को एक कमज़ोर जानकार और कम पढ़े लिखे के तौर पर आंका जाता है. 

आजकल हमारे समाज में यही धारणा बनी हुई है. आपकी हिंदी मीडियम का एक संवाद याद होगा- "इंग्लिश भाषा नहीं एक क्लास है साहब"  जी हाँ, भारत में हर पढ़ा -लिखा व्यक्ति खुद को उसी क्लास में रखना चाहता है. ये खाई अब बहुत बढ़ चुकी है. इसकी वजह से बहुत से लोग कुंठित रहते हैं. लेकिन मैं ऐसे लोगों को बेवकूफ समझता हूँ जो बोल्गिंग की फिल्ड में आये हैं और उन्हें google के नए अपडेट के बारे में कुछ पता नहीं. उन लोगों से मैं सबसे पहले यही प्रश्न पूछना चाहूंगा कि गूगल ने इंग्लिश के बाद hindi language को अपने बिज़नस से जोड़कर उसे AdSense के लिए क्यूँ approval दिया? 


क्यूँ बार- बार हिंदी के व्यपाक प्रचार- प्रसार के लिए गूगल द्वारा सेमीनार और प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं?  गूगल खुद हिंदी को प्रमोट कर रहा है. ब्लॉगर को जागरूक कर रहा है . मगर फिर भी blogger  हिंदी को छोड़ इंग्लिश के पीछे भाग रहे हैं. ताकि वो हिंदी जैसी तुच्छ भाषा में  ना फंसकर English में काम करते रहे. लेकिन अब आपको जो मैं पूरा आंकडा बताऊंगा उसके बाद आपकी सोच Hindi blogging और उसके future को लेकर बदलने वाली है.


हिंदी ब्लोगिंग और फ्यूचर ( Hindi blogging & future )




हिंदी का आंकडा .  ( hindi blogging & future)


1.विकिपीडिया के अनुसार पूरी दुनियाँ में लगभग 64 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें हिंदी आती है.

2.भारत में हिंदी जानने वालों की संख्या 62 करोड़ है. ( 2011 की जन जनगणना के अनुसार)

3.भारत में ही 68 करोड़ लोग ऐसे हैं जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं

4.देशी भाषा के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों  की संख्या 50 करोड़ है ( 2015) की जनगणना के मुताबिक

5. वर्ष 2019 में एक रिपोर्ट पब्लिश हुई थी कि भारत में हर 10 में से 9 आदमी देशी भाषा का प्रयोग करता है.

6.लगभग 10 करोड़ लोग मराठी , बंगाली , तमिल , तेलगू क्षत्रिय भाषा का इस्तेमाल करते हैं

7.भारत में 40 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हिंदी लिखते -पढ़ते बोलते समझते हैं जिनमे बुगुर्ग भी हैं

8.भारत में 22 करोड़ ऐसे युवा हैं जो हिंदी पढ़े लिखे हैं और net का इस्तेमाल करते हैं.




हिंदी ब्लोगिंग और फ्यूचर ( Hindi blogging & future )





अंग्रेजी का आंकडा .


1.भारत में 7 करोड़ लोग अंग्रेजी लिखते पढ़ते हैं

2.जो अंग्रेजी पढ़ते हैं वो सभी 7 करोड़ लोग पोस्ट भी पढ़ते हैं

3..अंग्रेजी का रैंक ( English Rank ) दुनियाँ में पहले नंबर पर आता है जिसे 1.268 बिलियन लोग इस्तेमाल करते हैं

4.दूसरी भाषा में चायनीज  ( chines' language ) है जिसे लगभग 1.120 लोग इस्तेमाल करते हैं.

5.दुनियाँ की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है हिंदी ( Hindi Language ) जिन्हें 637.3 मिलियन लोग इस्तेमाल करते हैं.



आप देख सकते हैं कि कैसे हिंदी को  गूगल ने AdSense के लिए approval दिया था.
 


हिंदी ब्लोगिंग और फ्यूचर ( Hindi blogging & future )



हिंदी में कंटेंट की कमी के पीछे क्या कारण है?


इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अंग्रेजी भाषा का महिमा मंडन है, जिसे अंग्रेजों ने भारत पर लागू किया, उसे चलाया और उसे यहीं छोड़ गए. लेकिन कुछ पढ़े लिखे लोगों ने उसे अपने माथे पर लादे रखा और उसका नतीजा आज आप देख रहे हैं.  अंग्रेजों द्वारा चलाई गयी इस इंग्लिश भाषा ने  न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनियां में अपनी भाषा का झंडा बुलंद कर वहां की क्षत्रिय भाषा को कमज़ोर कर उस नष्ट करने का काम किया है. 

भारत में भी जब अंग्रेजी सर चढ़कर बोलने लगा तो हिंदी कुंठित होने लगी . वो दबाई और कुचली गयी. आज हर आदमी को लगता है कि जिसे अंग्रेजी बोलनी आती है वो ज्ञानी और समझदार है और हर काम के योग्य है. privet और मिशिनरी स्कूलों ने हमारी हिंदी का और भी बेडा गर्क कर दिया. इसलिए आज सरकारी स्कुल के पढने वाले बच्चों को कमज़ोर और प्रायवेट में पढने वाले उन बच्चे को अधिक योग्य माना जाता है जिन्हें इंग्लिश आती है.

आप यदि एक भारतीय है तो इस दुःख और समस्या को अच्छी तरह से समझते होंगे. इसलिए अब मैं आगे काम की बात करता हूँ और काम की बात ये हैं कि मैंने आपको ऊपर जितने भी आकंडे दिखाए और बताये उनसे यही पता चलता है कि भारत में हिंदी कंटेंट 0.10 है. लोग बहुत कुछ search करते हैं लेकिन उन्हें नेट पर उपलब्ध नहीं होता. 


ये सारे आंकड़े सामने आ चुके हैं. इसलिए यदि आपको लगता है कि hindi blogging में कोई future नहीं है तो आप गलत है. ये भले ही आज आपको शून्य दिख रहा होगा लेकिन आज से कुछ सालों के बाद आप देखेंगे कि अंग्रेजी की तरह हिंदी blog वाले भी अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. 


क्या  you tube के कारण blogging ख़त्म हो जायेगी? 


ऐसा सभी कहते हैं लेकिन यदि ऐसा होता तो गूगल अब तक ब्लोगिंग को बंद कर चुका होता. गौर करने वाली बात ये है कि जिस चीज़ को हम वीडियों के द्वारा बता सकते हैं उसे लिखकर नहीं बताया जा सकता. यहाँ एक कैमरा का उदहारण दिया जा सकता है. कैमरा को लिखकर समझाने की अपेक्षा उसे एक वीडियों के द्वारा अधिक अच्छे से समझाया जा सकता है. लेकिन ऐसे बहुत से विषय है जिस पर वीडियों बनाना बहुत महंगा है और उसे वीडियों की अपेक्षा लिखकर ही अच्छे से समझाया जा सकता है. 


दूसरी बात जब- तक कोई you tuber एक वीडयो शूट करता है उसे एडिट कर पोस्ट करता है उतनी देर में वही व्यक्ति उसी टॉपिक के बहुत सारे आर्टिकल पोस्ट कर सकता है. जो लोग गूगल में search करते हैं उन्हें फ़ौरन रिजल्ट का इंतज़ार रहता है. एक मिनट में करोड़ लोग एक साथ google search इंजन पर search करते हैं. इतने लोगों को एक साथ you tube के कंटेंट से नहीं संभाला जा सकता. इसलिए मेरे अनुसार you tube और blog साथ साथ चलने वाले हैं. अत: हिंदी लिखने वाले भाइयों को मैं हार्दिक शुभ कामना करता हूँ कि आप पूरे जोश से लगे रहें आज नहीं तो कल हिंदी वाले भी अच्छी जगह पर होंगे. जय हिन्द.

    
      

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