तनुश्री दत्ता को इस वक़्त बाबा बेंगा की चेली या शिष्या कह सकते हैं क्यूंकि इन्होने भविष्यवाणी ही कुछ ऐसी कर दी है. फोटो देखकर याद आया ये कौन है? कुछ तो पहचान गये होंगे..जो नहीं पहचान पायें उन्हें बता दूं ये बालीवुड की वही जानी मानी अभेनेत्री हैं जिन्हें वर्ष 2018 में भारत में "मी टू" की शुरुवात की थी.
इन्हें बॉलीवुड में “मी टू” ( me too) की जनक
और आविष्कारक माना जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं. क्यूंकि बापू के दांडी मार्च की
भांति इनका भी मी टू मार्च काफी सफल रहा जो उन्होंने मशहूर नायक नाना पाटेकर पर आरोप लगाये थे.
अब ये अभेनेत्री तनुश्री दत्ता फिर से एक बार चर्चा में हैं..हम बात कर रहे हैं actor तुनुश्री दत्ता की जिन्होंने बाबा बेंगा की तरह एक भविष्यवाणी की है..मगर ये भविष्यवाणी दुनियाँ के लिए नही बल्कि भारत के मनोरंजन की दुनियाँ बालीवूड के लिए है. Bollywood से जुडी तनुश्रीदत्ता की भविष्यवाणी फ़िल्मी दुनियाँ के लिए कुछ इस प्रकार है.
“मेरी भविष्यवाणी है कि 31 दिसंबर 2022 तक फाइनेंसर्स बालीवुड फिल्मों और प्रोजेक्ट की फंडिंग करना बंद कर देंगे. साथ ही कई प्रोडक्शन हाउस और कलाकार अप्रैल 2023 तक दिवालिया हो जायेंगे. दिवालिया हुए लोगों में इस list में कई चौका देने वाले नाम भी हैं. ये आगे बताती हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म में आने वाली फिल्मों में भी काफी कम दर्शक मिलेंगे.
लोग अब दुनिया भर के कंटेंट ज्यादा देखेंगे,
जो हिंदी या दूसरी क्षत्रिय भाषाओँ में डब किये जाते हैं. साउथ की फिल्मे कुछ लोग
देखेंगे. लेकिन इसके लिए उन्हें थोडा संघर्ष करना पड़ेगा. बकौल तनुश्री मैंने ये सब
जो भी कहा उसे याद रखना, जब ऐसा समय आएगा.
अभिनेत्री तनुश्री की साल
2009 में एक फिल्म आई थी, "हॉर्न ओके प्लीज". उनके मुताबिक के एक गाने की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उनके काफी करीब आने की कोशिश की थी . नाना पाटेकर पर
लगे इस आरोप के बाद ही बालीवुड में हंगमा
मच गया था और इसके बाद बालीवूड की कई नायिकाएं अपनी अपनी मी टू की शिकायत लेकर
कैमरे के सामने आने लगी थी जिसमे फ़िल्मी दनियाँ कई विख्यात लोगों के नाम आने शुरू हुए और फिर काफी
हंगामा हुआ.
अब बात करे तनुश्री दत्ता की भविष्यवाणी कि तो ये कोई भविष्यवाणी नहीं बल्कि अभी वर्तमान में होता हुआ सच है जो बिल्कुल साक्षात सामने दिख रहा है. कोविड से पहले जो फ़िल्मी दुनियाँ का रंग ढंग था वो अचानक से कोविड के बाद बदल गया. इस लम्बे समय की महामारी ले लोगों को घर बिठाकर ओ.टी.टी पर दिखाए जा रहे नए -नए कंटेंट का चस्का लगा दिया.
वो कहते हैं न बहस एक बार शेर के मुंह में खून लग जाए उसके बाद उसे बब्बर शेर बनने से कोई नहीं रोक सकता. वही हाल हुआ देश की सबसे बड़ी मनोरंजन की दुनियाँ बॉलीवुड का. पहले लोग कोई भी फिल्म देख लेते थे और निर्माता- निर्देशक, हीरो- हीरोइन करोड़ कमा लेते थे. मगर अब जिस तरह से हिंदी फ़िल्म उद्योग के ऊपर साउथ के सूर्य का ग्रहण लगा है वो हटाना मुश्किल लग रहा है.
ये राहू की तरह हिंदी फ़िल्मी
दुनियाँ को खाना शुरू कर चुका है और इसका जीता जागता प्रमाण है साउथ की वो फिल्मे जो अभी सुफरहीट रही और हिंदी की सारी महंगी महंगी फिल्मो का डब्बा गोल हो गया सिवाय एक दो के.
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