नेपाल ( Nepal) की अद्भूत शिल्प कला

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नेपाल ( Nepal) की अद्भूत शिल्प कला में तीन खास मूर्तियाँ हैं.




नेपाल ( Nepal) की अद्भूत शिल्पकला :-


हिमालय ( Everest) की गोद में बसे हुए स्वतंत्र हिंदू राज्य नेपाल के इस घोंसले में तीन राजधानी ऐसी है मानो तीन अंडे रखे हुए हों. अत्यंत प्राचीन राजधानी ललितपट्टम, उसके बाद की भादगाँव और कल की है काठमांडू या काष्ठमंडप. 


नेपाल (Nepal) के मंदिरों की बनावट हिंदुस्तान मंदिरों की बनावट के समान नहीं है. मंदिर (temple) के छत से बरसात की पानी की धाराएँ गिरती हैं. वहां नेपाल के लोग छोटी छोटी घंटियाँ ( bells) लटकाकर रखते हैं और बीच में लटकने वाले लोकल में पीतल के पतले पीतल –पात लगा दिए जाते हैं. ज़रा सी हवा लगते ही वो नाचने लगते हैं.


यह कला (art) उन्हें सिखानी नहीं पड़ती. एक साथ अनेक घंटियाँ किन –किन की आवाज़ करने लगती है. यह मंजुल ध्वनि मंदिर की शांति में खलल नहीं डालती, बल्कि शान्ति को अधिक गहरी और मुखरित करती है . भादगाँव की कई मूर्तियाँ ( statue) तो शिल्पकला (craftsman) के अद्भूत नमूने हैं. शिल्पशास्त्र के सब नियमों की रक्षा करते हुए कलाकार अपनी प्रतिभा को कितनी आज़ादी दे सकता है, इसके नमूने यदि देखने हों तो इन मूर्तियों को देख लीजिये. 


मालूम होता है कि यहाँ के मूर्तिकार कला को अतिमानुषी ही मानते हैं. पशुनाथ का मंदिर (temple of Pashunath) नगर से अधिक दूर नहीं है. वह वैसा ही दिखता है, मानों मंदिर के झुण्ड में बड़ा नंदी बैठा हो. निकट में ही बागमती बहती है . गुहेश्वरी और पशुपतिनाथ के बीच ये धरा बहती है. इसी कारण उसकी महिमा है.


पशुपतिनाथ से सीधे पक्षिम कि ओर शिंगु भगवान का दर्शन होता है .शिंगु- भगवान की तलहटी में ही ध्यानी बुद्ध ( buddha) की एक बहुत बड़ी मूर्तियाँ सूर्य के ताप में तपस्या करती है. टेकरी पर एक एक मंदिर है उसमे तीन मूर्तियाँ हैं – पहली बुद्ध भगवान की,दूसरी धर्म भगवान की और तीसरी संघ भगवान की. 


हर एक के सामने घी का दीया जलता है और एक कोने में लकड़ी के बनाये हुए चौखट में पीतल की एक पोली लाल खड़ी कर रखी है, जिसपर "ॐ मामे पाए हुम" का पवित्र मंत्र कई बार खुदा हुआ है. बौद्ध –प्रार्थना  का रूप है – बुधं शरणं गच्छामि . धम्मं शरणं गच्छामि. संघं शरणं शरणं गच्छामि .और ये तीन मूर्तियाँ इन्ही तीन बुद्ध,धर्म और शरण का प्रतीक है. नेपाल (Nepal) की अद्भूत शिल्प कला में यी तीन सबसे खास मूर्तियाँ हैं.     

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