Devi Durga ke 108 names in Hindi.
Durga ji ke 108 naamo ki meaning in hindi
Goddess Durga 108 names and meaning in hindi.
दुर्गा के 108 नाम क्या-क्या हैं जानिये?
1.देवी सती ब्रह्मा के मानस पुत्र प्रजापति दक्ष की पुत्री थी...प्रजापति दक्ष शिव को अपना घोर शत्रु मानते थे। उनकी पुत्री देवी सती, शिव को भी मानती थी और समझती भी थी...इसलिए उन्होंने महादेव की घोर साधना कर शिव का वरण किया...किंतु प्रजापति दक्ष ने अवसर देखा देखकर महादेव का अनदार और अपमान करने के लिए एक हवन-यज्ञ का स्थापन कर, शिव को छोड़ सभी को निमंत्रण भिजवा दिया। देवी सती ने इसे अपने पति का घोर अपमान समझा उसी हवन यज्ञ में स्वयं का आत्मदाह कर लिया था..किंतु फिर देवी पार्वती के रूप में उनका पुन: अवतरण, पर्वतराज हिमालय के यहां हुआ। सती का अर्थ जलकर पुन: जीवित होने से है।
दुर्गा का दुसरा रूप 2 साध्वी का है। इसका अर्थ आस्तिक होना है.. देवी अपने इस रूप के माध्यम से उन भक्तों में आशा की ज्योत जलाती है जो आशा छोड़ देते हैं..देवी दुर्गा का तीसरा नाम 3.भवप्रीता है जिसका अर्थ है भगवान शिव पर प्रतिष्ठा रखने वाली... .चौथा नाम है 4 भवानी, जिसका अर्थ है ब्रह्माण्ड में निवास करने वाली....पांचवा नाम आता है 5. भवमोचनी...इस नाम का अर्थ है वो देवी जो भक्तों को इस संसार के बंधनों से मुक्त करवाती हो... छठा नाम 6. भार्या...इस नाम का अर्थ एक देवी से है....सातवा नाम 7. दुर्गा, ये देवी अपराजय का प्रतीक है। अर्थात वो शक्ति जिसे कोई नहीं हरा सकता... 8.जया, ये नाम उत्सव में जय अर्थात प्रमाण की प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 8.आधा, इसका अर्थ है फ्रेम की वास्तविकता....9.त्रिनेत्र, जिनके तीन आखें हों....10.शूलधारिणी, जो दुष्ट और अधर्मियों के लिए त्रिशूल धारण करती हो...
11.पिनाक धारिणी, वो देवी, जो शिव की पिनाक धनेश्वर को धारण करती हैं...देवी दुर्गा के योद्धा वाले रूप के अलवे भी वो शांत सुन्दर सुन्दरता के प्रतीक भी हैं। इसलिए उनके नाम कुछ इस प्रकार भी हैं: 11. आकृति , इसका अर्थ है सुरम्य और सुन्दरता की देवी... 12. चंद्रघंटा, प्रचंड स्वर से घंटा का नाद करने वाली देवी... इसका नाद वो असुरों और दुष्टों को आंदोलित करने के लिए के लिए करती है....13.महातपा, इस नाम का अर्थ है भारी और भीषण तप करने वाला..... महादेव को प्राप्त करने के लिए देवी पार्वती ने एक ऐसा ही भीषण तप किया था जिस तप में वो भूख से व्याकुल होने पर भी घास पत्ते तक नहीं खायी थी...इसी कारण उनका एक नाम 14. अपर्णा भी पडा....देवी दुर्गा का अगला नाम है 15.मन: , इस मन: नाम का अर्थ मानसिक शक्ति से है... 15.बुद्धि, जो सर्व ज्ञाता हो....16.अहेंकारा, देवी दुर्गा के इस नाम का अर्थ स्वयं के अभिमान और स्वाभिमान से है...17..चित्तरूपा, इस नाम का अर्थ है वो जिसका चित्त सोच कि अवस्था में हो....18.चिता, अर्थात मृत्युशय्या....ज्यादातर लोग जन्म को सुन्दर और मृत्यु को असुंदर और अपवित्र मानते हैं...हां तक कि इसके नाम से भी बचते हैं....जबकि देवी दुर्गा का ही एक नाम चिता भी है। इसका अर्थ है जो ईश्वर ने रचा है वो जन्म के पालन के साथ-साथ आपकी मृत्युशय्या भी है... इसलिए हम इसे अपनी दृष्टि नहीं फेर सकते....देवी दुर्गा का अगला नाम है 19. सर्वमंत्रमय सभी, अर्थात वो शक्ति जो मन्त्रों का ज्ञान शत्रु हो...20.सत्ता, वो स्त्री जो सबसे ऊपर विराजित हो....
कुछ लोग समझते हैं कि पौराणिक धर्म ग्रन्थों में पांव के नाम, उनके अधिकार, उनके उत्सव और उनकी स्वतंत्रता के बारे में कुछ नहीं लिखा है... सब कुछ गौण और मौन है... मैं तो वे यही कहूँगा कि वो एक बार बस देवी दुर्गा के 108 नामों का अर्थ बेशक पढ़ ले, फिर उनका ये भ्रम स्वयं ही मिट जाएगा....देवी दुर्गा का अगला नाम है 21.सत्यानन्द संदर्भिणी, ये अनंत आनंद का प्रतीक है...एक ऐसा सुख और आनंद जो आपकी कल्पना है से परे हो.....22.अनंता, जिस स्वरुप का कोई अंत ना हो उसे अनंत कहते हैं...23.भाविनी, एक कारण से कमाई करने वाली देवी...अर्थात जन्म के समय ना तो कोई शुद्र होता है और ना ही ब्राह्मण..ना निर्धन ना धनि... ये तो मनुष्य अपने कर्म और धर्म से जाहिर करता है.... इसलिए देवी का एक नाम भाविनी भी ही है....24.भाव्या, वो जो भावना और ध्यान देने योग्य हो...दूसरा इसी से मिलता जुलता नाम है देवी दुर्गा का 25.भव्या, इसका अर्थ भव्यता के साथ कल्याण करने वाली देवी से है..26.सदागति, वो नाम या शक्ति जो दुसरो को सदा गति यानी मोक्ष दिलवाती हो....27.शाम्भवी, वो देवी जो शिव की पत्नी हो...28.देवमाता , इसका अर्थ है दुनिया की माता....पुराणों में उल्लेख है कि देवी दुर्गा ने माता कई बार बनकर अपने पुत्रों अर्थात देवगणों की सहायता की और उनकी मुसीबतें हरी...29.चिंता, वो देवी जो सदा दूसरों के लिए चिंताशील रहीती हो.. .30.रत्नप्रिया, वो देवी जिसमें रत्नों से अपार प्रेम हो....
31. सर्वविद्या, जिसमें हर प्रकार के ज्ञान का निवास हो.....32.दक्षकन्या, देवी सती ही राजा दक्ष की पुत्री थी इसलिए उनका एक नाम दक्षकन्या पड़ गया था...देवी दुर्गा का अगला नाम है 33.दक्ष -यज्ञविनाशिनी, वो शक्ति जिसने प्रजापति दक्ष के यज्ञ को रोका था, केवल इसलिए क्योंकि दक्ष ने महादेव का घोर अपमान किया था। 34.अपर्णा, तपस्या के समय भूख से पत्ते तक को भी ना खाने वाली देवी..35.अनेकवर्णा, इसका शाब्दिक अर्थ रंग से है....वो देवी जो कई पत्थरों वाली हों.....36.पाटला, वो देवी जिसे लाल रंग पसंद हो.... लाल रंग प्रेम और सुगाह का प्रतीक है...ये रंग, देवी के लिए धारण करती हैं... इसलिए इन्हें पाटला भी कहा जाता है.... 37.पाटलावती, इस नाम का अर्थ भी यही है, वो देवी जो लाल परिधान या गुलाब के पुष्प को धारण करती हो....देवी दुर्गा का अगला नाम है 38. पट्टाम्बरपरिधाना, वो महिला जिनके रेशमी वस्त्र बहुत ही प्रिय लगते हैं...39. कला-मंजीरा-रंजिनी, वो स्त्री जो पायल करके धारण करने का अनुभव करती है....40.अमेय, जिसकी कोई सीमा नहीं.....
41.विक्रमा, इसका पुलिंग रूप विक्रम है जो सदी में आता है...इसका अर्थ है वो, जोकॉमिक पराक्रम का स्वामी हो..देवी दुर्गा का अगला नाम है 42. ब्रुटा...वो शक्ति जो अधर्मियों के लिए ब्रुटल हो वो ब्रुटा कहलाती है...43.धुनी, वो स्त्री जो अत्यंत ही सुंदर हो....44.वनदुर्गा, वो देवी जो वनों और जंगल से जुडी हो....45.मातंगी, वो शक्ति जो मतंग की देवी हो मतंग महादेव को कहते हैं... मतंग के नाम से एक ऋषि भी हुए हैं, मतंग ऋषि... अगला नाम है- 46.मातंगमुनिपूजिता, वो देवी जो मतंगमुनि द्वारा पूजनीय हो.... 47.ब्राह्मी, इसका अर्थ भगवान ब्रह्मा की शक्ति से है....48.माहेश्वरी, वो देवी जो महाईश अर्थात महादेव की शक्ति हो.....49.इंद्री, इन्हें इंद्र की शक्ति के नाम से जाना जाता है...50.कौमारी, देवी दुर्गा का एक स्वरुप किशोरी बालिका का भी है...
51.वैष्णवी, इसका अर्थ है वो शक्ति जो अजेय है और उसे कोई परस्त नहीं कर सकता....52.चामुंडा, चंड और मुंड का नाश करने के कारण देवी दुर्गा का एक नाम देवी चामुंडा भी है...53.वाराही , इसका अर्थ वराह पर सवार होने वाली देवी से है...54.लक्ष्मी, लक्ष्मी का अर्थ स्वरभक्ति से है...देवी दुर्गा ना केवल दुर्जनों का नाश करती हैं अपितु भक्तों पर धन की वर्षा भी करती हैं...55. पुरुषकृति, वह शक्ति जिसे शिव जैसे पुरुष धारण कर ले...56.विमिलौत्कार्शिनी, इसका अर्थ आनंद प्रदान करने वाली देवी से है...57.ज्ञान, जो देवी ज्ञान से पूरी हो...58.क्रिया, जो हर कार्य इसमें शामिल होने वाली हो...59.नित्या, इसका शाब्दिक अर्थ अनंत से है...60 बुद्धिदा, वो शक्ति जो हमें ज्ञान देती है...61.बहुला, जिसके कई अलग-अलग रूप हैं....62.बहुल प्रेमा, जो सर्व प्रिय हो...अर्थात जो सब पसंद करते हो...63.सर्व-वाहन-वाहना, वो शक्ति, जो सभी महत्वपूर्ण पर विराजमान हो...64.निशुम्भ-शुंभहननी, वो शक्ति जो शुभ-निशुम्भ जैसे दुर्दांद असुरों का नाश किए हो...65.महिषासुरमर्दिनी, वो शक्ति जो महिषासुर जैसे अधर्मी असुर कामारन किए हो...66.मधुकै तुभन्त्री, वो शक्ति जिसने मधुर व कैटभ का नाश किया हो...67.चंड-मुंड विनाशिनी, जो चंड और मुंड जैसे महा असुरों का भी वध किया हो...68.सर्वासुरविनाशा, सभी असुरों का नाश करने वाली... .69.सर्वदानव-घातिनी, समस्त दानवों पर घात करने वाले....70.सर्व-शात्रमयी, जो सभी शास्त्रों और सिद्धातों में निपुण हो...
71.सत्या, देवी दुर्गा का एक नाम सत्या भी है जो सत्य अर्थात सचाई का प्रतीक है...72.सर्वास्त्रधारिणी, वो शक्ति जो सभी शस्त्रों को धारण करती हो...73.अनेकशस्त्रहस्ता, अपने हाथों में एक साथ कई शस्त्रों को धारण करने वाली...74.कुमारी, इसका अर्थ सुन्दर किशोरी से है...75.एककन्या, अर्थात अविवाहित बालिका....76.युवती, अर्थात लड़की....77.यति, इसका अर्थ तपस्वी से है। .78.अप्रौढा, वो शक्ति जो कभी पुरानी ना हो...79.वृद्धमाता, शक्ती....80.बलप्रदा, बल प्रदान करने वाली देवी...81.महोदरी, ब्रह्मांड को संभालने वाली शक्ति...82. मुक्तकेशी, वो देवी जिनके केश खुले हों...83. घोररूपा, एक भयकंर दृष्टिकोण वाली देवी...84. महाबला, अपार शक्ति प्रदान करने वाली देवी...85.अग्निज्वाला, जो आग के सामान गहन ज्वलनशील हो... 86.रौद्रशाखा, जिसका मुख भयानक हो और जो किसी को भी भय से कम्प्यूट कर देता है....87.कालरात्रि, काली रात की भाँती, काले रंग वाली देवी...89.तपस्विनी, वो देवी जो तपस्या में लगी रहती है हो..90.नारायणी, भगवान नारायण का विनाशकारी रूप...
91.भद्रकाली, वो काली जिसका रूप बहुत भयंकर है...92.विष्णुमाया, भगवान विष्णु की एक माया शक्ति..93.जलोदरी, ब्रह्मांड में निवास करने वाली देवी...94.शिवदूती, वो देवी जो भगवान शिव की राजदूत हैं हो..95.करली... जो हिंसक हो....96.अनंता, जो विनाश से अनुपयोगी हो...97.परमेश्वरी, जो परम ईश्वर अर्थात शिव की पहली पत्नी हो...98.कात्यायनी, जो ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय हो...99.सावित्री, जो सूर्य की पुत्री कहलाती हो...100.प्रत्यक्ष, जो वास्तविक हो...और अंत में माता दुर्गा का एक सौ आठवा नाम है 108. ब्रह्मवादिनी, अर्थात वास्तव में ब्रह्मांड में निवास सर्वत्र हो....(कुछ नाम बीच में रह गए हैं) इस प्रकार यदि हम देखते हैं तो देवी दुर्गा के 108 नामों में पूरा ब्रह्मांड समा जाता है..अर्थात, ऐसा कुछ नहीं जो देवी दुर्गा से फैलती हो...वो यदि अग्नि भी हैं तो जल भी हैं.. यदि सौधम भी हैं तो कठोर भी..संहारक भी हैं तो रचनाकार भी... इसलिए इन्हें ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में पूजा जाता है...
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