Chat-gpt बंद करवाएगा स्कूल और कालेज भी?

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आपने अब तक पुराणों में चार युगों के बारे में ही सुना और पढ़ा होगा- सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग. लेकिन किसी पता था कि कलियुग के साथ एक और युग जुड़ जाएगा- डिजिटल युग. जी हाँ, हम इंसान आज आज जिस दौर से गुजर रहे हैं वो दौर पूरी तरह से डिजिटल युग का है. डिजिटल क्रांति ने आज पूरे विश्व को प्रभावित कर दिया है. इस क्रान्ति का असर ऐसा है कि जहाँ ठीक से एक वक़्त भोजन नहीं पहुँच पाता, वहां आपके पास बहुत ही आसानी से इन्फोर्मेशन पहुँच जाती है. और ये संभव हो पा रहा तो बस इसी डिजिटल प्लेटफोर्म के माध्यम से. 


लेकिन अब इसी डिजिटल प्लेटफोर्म में जो एक नया चत्म्कार या आविष्कार हुआ है, उसने दुनियाँ में तहलका मचा दिया है. हम बात जार रहे हैं उसी चैट जी.पी.टी  (Chat-gpt) कि जिसने गूगल और फायबर जैसे प्लेटफोर्म की नींद उड़ा दी है. Google जिसे दुनियाँ का सबसे बड़ा सर्च इंजन माना जाता है, Chat-gpt के आने की वजह से परेशानी में आ चुका है. प्राप्त जानकारी के अनुसार  गूगल को इससे अच्छा ख़ास नुक्सान हो चुका है. क्यूंकि अब लोग अपनी समस्या लेकर पुराने गूगल बाबा के पास नहीं बल्कि Chat-gpt गुरु के पास जा रहे हैं. 


चैट जी.पी टी एक ऐसा Ai tool है जिसके पास आपके सभी सवालों के जवाब है. कैसे , क्या, कब , कितने, कब तक?? आपके पास किसी भी विषय से सम्बंधित चाहे कोई भी प्रश्न क्यूँ न  हो, chat-gpt के पास जवाब मौजूद होता है. और ये ना सिर्फ स्टूडेंट्स के सवालों को हल करता है बल्कि ये फायनेंस, डॉक्टर, वकील, पुलिस, लेखक, विचारक, खोजकर्ता से सम्बंधित प्रश्नों का उत्तर देकर करोडो लोगों को चकित कर चुका है.  अब लोग आंशका जताने लगे हैं कि इसी chat-gpt के कारण भविष्य में कई लोगों की नौकरियाँ जाने वाली हैं. लेकिन अब मन में एक सवाल ये भी आता है कि फिर क्या ऐसे में स्कुल- कॉलेजों की ज़रुरत पड़ने वाली है ?


स्कूल और कॉलेज की बढती फीस और उनकी ओर से पेरेंट्स के लिए नयी- नयी मांगे, आज हर गरीब पेरेंट्स इससे परेशान है और जूझ रहा है. अमीर व्यक्ति तो अपने बच्चों को आसानी से स्कूल और कॉलेज भेज देते हैं, लेकिन जैसे ही एक गरीब का बच्चा बड़ा होने लगता है, उस गरीब के आगे  अँधेरा छाने लगता है. क्यूंकि वो जानता है कि उसके बच्चे के स्कूल जाते ही उसके परेशानियों के दिन शुरू होने वाले हैं. ये हमारा दुर्भाग्य है कि लोग गैस और सिलिंडर के बढ़ते दामों के पीछे तो राजनीति कर लेते हैं लेकिन उन्हें स्कुल और कॉलेजों की मनमानी नहीं दिखती. आजकल सबसे अधिक महंगा शिक्षा है. लेकिन क्या पता ऐसा भी हो सकता है कि वो दिन दूर नहीं जब कोई बच्चा स्कूल और कॉलेज नहीं जाएगा. सारे स्कुल और कॉलेज धीरे धीरे बंद होने लगेंगे. क्यूंकि जिस प्रकार एक आधार एक पहचान चल रहा उसी प्रकार ये भी संभावना है कि एक शिक्षा एक chat-gpt हो जाए. हाँ वैसे भी उन संस्थानों की ज़रुरत ही क्या है जहाँ  गरीब बच्चों का दम घुटता है और पेरेंट्स का ध्यान अपने काम पर कम बच्चों के स्कूल पर अधिक होता है पता नहीं कोई टीचर कब क्या नया फरमान सुन दे. ऐसे में यदि chat-gpt से बच्चे बढ़ने लिखने लगे तो फिर संभव हैं स्कुल और कॉलेज भी आने वाले दसमी में बंद हो जाएँ.


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