तुर्की (Turkey) ने आखिर भारत के खिलाफ अपना रंग दिखा ही दिया.

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तुर्की (Turkey) ने आखिर भारत के खिलाफ अपना रंग दिखा ही दिया.


भूकंप और ज़लजले का मारा हुआ Turkey जब परेशानी की हालत में था तो भारत ने उसकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया. भारत ने मानवता को आगे रखते हुए बिना देरी करें तुर्की को मदद भेजी. उस ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत की सेना और एनडीआरएफ की टीम ने तुर्की में हजारों लोगों की जान भी बचाई. खुद तुर्की की जनता ने भारतीय रेस्क्यू टीम को तालियां बजाकर सम्मान दिया और भारत के तिरंगे को सैल्यूट भी किया था. लेकिन तुर्की की सरकार ने मौका मिलते ही भारत से गद्दारी कर दी. Turkey भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करने से बाज नहीं आया. आपको जानकारी के लिए बता दे कि तुर्की ने यूनाइटेड नेशंस हुमन राइट कमिशन में भारत के खिलाफ जाते हुए पाकिस्तान का साथ दिया है.





आपको याद होगा कि जब भारत ने तुर्की की मदद की थी तो तुर्की ने भारत को दोस्त कहा था. तुर्की ने कहा था कि दोस्त वही है जो मुश्किल समय में काम आए. लेकिन उसी तुर्की ने अपनी ही बात का सम्मान नहीं किया और दोस्त की पीठ में छुरा मार दिया. एजेंडे के तहत संयुक्त राष्ट्र के मंच पर, जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के चलाये गए इस प्रोपेगेंडा में तुर्की और मुस्लिम देशों के सबसे बड़े संगठन OIC ने पाकिस्तान का समर्थन कर दिया. लेकिन भारत ने भी इन सभी की धज्जियां उड़ा दी. भारत ने तुर्की के बयानों पर चिंता जताई है. भारत में तुर्की और पाकिस्तान की करतूतें देखने की नसीहत दी है. भारत ने कहा है कि हमारे आंतरिक मामले पर तुर्की के बयान से हमें दुख हुआ हुआ है. जबकि तुर्की के लोग भारतीय सेना की लगन देखकर भावुक हो गई थी. वे उस संकट की घडी में  भारतीय सेना के गले लग रहे थे. लेकिन उसी तुर्की के राष्ट्रपति पर इसका कोई असर नहीं हुआ. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा. आपको बता दें कि पाकिस्तान अपनी घिनौनी चाल में कामयाब रहा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाद शरीफ इसीलिए तुर्की गए थे. ताकि वहां की सरकार को याद दिला सके कि उनका मकसद क्या है. लेकिन अब वह समय भी दूर नहीं है जब तुर्की के राष्ट्रपति को पीएम मोदी का सामना करना पड़ेगा.

न्यूज़ आधार - मीडिया सोर्स.

 

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