जेटपैक ( jetpack) आगरा में उड़ा अब होंगे भारतीय सेना के पास

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 कुछ वर्षों पहले किसी ने ये कल्पना भी नहीं कि थी कि इंसान हवा में उड़ भी सकता है. क्यूंकि हमारी कल्पना में उड़ने वाले कुछ ही लोग हो सकते हैं, वो भी कोई देवता या फिर किसी मार्वल फिल्म्स का हीरो..मगर जिस प्रकार से बीते वर्षो में विज्ञान ने अपनी तरक्की की है और जो लगातार करती जा रही है, उसे देखकर अब कुछ भी असंभव नहीं कहा जा सकता है. विगत शादाब्दियों में जिस विज्ञान ने आकाश में उड़ने वाले विमान और राकेट दिए उसी विज्ञान ने आज दुनियाँ को एक ऐसी अद्भूत चीज़ दे दी है जिसे हम जेटपैक Jetpack के नाम से जानते हैं.


जेटपैक  ( jetpack) आगरा में उड़ा अब होंगे भारतीय सेना के पास



कई तरह के आंतरिक उपकरणों से निर्मित यह jetpack एक ऐसी मशीन है जिसे शरीर में बांधकर इंसान आकाश में उड़ सकता है. ये एक प्रकार से अपने यन्त्र वाले शूट से पूरी प्रेशर के साथ हवा को रिलीज करता है. विज्ञान के अनुसार हवा को पीछे धक्का देने के कारण ही हवाई जहाज आकाश में उड़ते हैं. एक मानव को खुले आकाश में उड़ते हुए देखना किसी सुखद कल्पना से कम नहीं. लेकिन अब ये कल्पना साकार हो चुकी है.. अब jetpack के द्वारा इंसान उड़कर कहीं भी जा सकता है. उड़ते हुए वो इंसान जेटपैक के द्वारा अपना कोई भी पोजीशन ले सकता है और कहीं भी लैंड कर सकत है. ये एक कमाल की चीज़ है जिसका टेस्ट एक बार सभी करना चाहेंगे.  लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि भारत में भी इसका टेस्ट हो चुका..


जी हाँ, अभी हाल ही में एक इंसान को jetpack बांधकर आगरा शहर में उड़ते देखा गया. सोर्सेस के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उसका भारतीय जवान टेस्ट ले रहे थे. सबसे अच्छी खबर हमारे लिए ये है कि हमारी भारतीय सेना ने ऐसे ही 48 jetpack का आर्डर दिया है. यानि अब ये अद्भूत चीज़ हमारी सेना में शामिल होने वाली है. इस जेटपैक के बारे में आप इतना जानकर अवश्य ही रोमांचित हो उठे होंगे कि इससे शरीर में बांधकर उड़ा जा सकता है. अब आइये जानते हैं ये कितने प्रकार होते हैं.

 





रॉकेट बेल्ट जेटपैक – इसका आविष्कार 1960 में किया गया था. ये हाइड्रोजन पेरोक्साइड द्वारा उड़ान भरता है. जोर देने के लिए छोटे राकेट का उपयोग किया जाता है.


इलेक्ट्रिक जेटपैक – इस तरह के जेटपैक रिचार्जेबल बैटरी द्वारा प्रयोग में लाये जाते हैं और बल देने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर्स का उपयोग करते हैं।


गैस टर्बाइन जेटपैक - ये जेटपैक थ्रस्ट  देने करने के लिए गैस टरबाइन इंजन द्वारा प्रयोग में लाया जाता है. ये आमतौर पर मिट्टी के तेल या अन्य प्रकार के ईंधन से चलाये जाते हैं.

 

अंत में यही कहना चाहूँगा कि इसका निर्माण मनोरंजन के उद्धेश्य के लिए नहीं बल्कि उन कामो को करने के लिए किया गया है जिसे करने में बहुत समय लगता है या उसे कठिनाई से किया जाता है. जैसे यदि किसी ऊंचे टावर में आग लगी हो और फ़ौरन मदद चाहिए तो व्यक्ति इस jetpack के द्वारा फ़ौरन उड़कर मदद के लिए किसी के पास पहुँच भी सकता है. आग पानी और ऊंचाई में जहाँ फ़ौरन जाना कठिन है इसे पहनकर जाया जा सकता है. इसे विज्ञान का एक अद्भूत चमत्कार माना जा सकता है जो आने वाले समय में हमारे लिए बहुत उपयोगी होने वाली है.

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