हर न्यूज़ जो पहले आम लगती है बाद में वो ख़ास बन जाती है. क्यूंकि उस न्यूज़ के पीछे होती है एक सच्चाई. वो सच्चाई जिसे जब कोई देख नहीं पाता तो हमारा मोबाइल यन्त्र उसे बड़े आराम से कैप्चर कर लेता है. आधुनिक ज़माने के इस मोबाइल यन्त्र ने ना जाने कितने की पोल खोल दी और आगे भी खोलते रहेंगे.
लेकिन अब बात ये है कि जो हमें दिखता है या दिखाया जाता है उसके पीछे का अर्थ या मतलब क्या होता है? क्या उसका अर्थ वही होता है जो दिखाया जा रहा?? या फिर उसका अर्थ कुछ और भी हो सकता है.? बात कर रहे हैं हम इस न्यूज़ जी को कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ के एक सरकारी स्कुल का बताया जा रहा. इस वीडियो में ये दृश्य है कि एक सरकारी टीचर स्कूल में एक बच्ची से झाड़ू लगवा रही है. शायद इसीलिए इस न्यूज़ का भी टायटल है “ ऐसे कैसे पढ़ेगा और बढेगा इण्डिया” .
सिर्फ कुछ सकेंड के इस वीडियों से आप इसका पूरा भावार्थ यही निकाल सकते हैं कि एक बच्ची से स्कूल में झाड़ू - पोछा लगवाया जा रहा. तो फिर कैसे बढेगा इंडिया ?? सवाल ये बन जाता है. लेकिन क्या ये बच्ची अपने घर में झाड़ू नहीं लगाती होगी. ?? यदि लगाती होगी और उसने स्कूल में लगा दिया तो क्या दिक्कत है? क्या बवाल है ??
वैसे भी वो उसी संस्थान में झाड़ू लगा रही है जहाँ वो पढ़ाई करती है. हम जिस घर में रहते हैं उसे भी साफ़- सुथरा और स्वच्छ रखते हैं . यदि शिक्षा प्राप्त करने वाली संस्थान में बच्ची ने झाड़ू लगा दिया तो यह न्यूज़ कैसे बन गया..? ये न्यूज़ तभी बनता जब ये लड़की रोज़ वहां झाड़ू लगाती. चपरासी का काम भी वही करती.
लेकिन सच क्या है. और पूरी बात क्या है ये भी जानने की आवश्यकता है. कहीं चपरासी बीमार तो नहीं. ?? कहीं लड़की खुद ही तो अपने मन से झाड़ू नहीं लगा रही.?? इसलिए मेरा मानना है हर खबर हो पूरी बात यही है ज़रूरी. जय हिन्द वन्दे मातरम.
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