गाँव पर हिंदी में एक लघु लेख (Short essay on a village in hindi)

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गाँव पर लघु लेख ( Short essay on a village 2024) 

गाँव पर लघु लेख ( Short essay on a village 2024)


गाँव पर एक लघु लेख ( Short essay on a village 2024) अक्सर लिखने के लिए दिया जाता है.  गाँव पर लेख essay on village कुछ बड़े भी होते हैं और कुछ छोटे भी. यहाँ आपके लिए  एक short essay on village in Hindi में दिया जा रहा है आप देख सकते हैं..?


भारत को गाँवों के देश के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसकी आधी से अधिक आबादी गाँवों में रहती है। 2023 के सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक भारत में करीब 6.59 लाख गांव हैं। लगभग 1.07 लाख गाँवों के साथ उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गाँव हैं, जबकि गोवा में सबसे कम 4,111 गाँव हैं।


छोटे-छोटे क्षेत्रों और कस्बाओं को मिलाकर एक गाँव बनता है। सामान्यतः गाँव की जनसंख्या कम होती है, परन्तु कृषि और पशुपालन के साधन प्रचुर मात्रा में होते हैं। शहरों से दूरी के कारण गांवों में शोर और प्रदूषण कम होता है और पेड़-पौधों की बहुतायत के कारण हवा स्वच्छ होती है। इससे पर्यावरण स्वस्थ रहता है और लोग बीमार होने की संभावना कम होती है।


चूंकि एक गांव की आबादी कम है और कृषि प्रचुर मात्रा में है, इसलिए लोगों को भोजन और पानी की समस्या नहीं होती है। हालांकि, अन्य जरूरतों के लिए उन्हें शहर जाना पड़ता है। ग्रामीण आमतौर पर एक-दूसरे के मित्रवत होते हैं, और वे एक-दूसरे के नाम, घर और पते जानते हैं। इससे उन्हें त्योहारों को एक साथ मनाने और एक दूसरे की कंपनी का आनंद लेने में मदद मिलती है।


प्रत्येक गांव में एक मुखिया होता है जिसे ग्रामीणों द्वारा चुना जाता है और सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। मुखिया गाँव के विकास के लिए जिम्मेदार होता है, और उसे "ग्राम प्रधान" या "मुखिया" के रूप में जाना जाता है।


हर गांव में एक नेता होता है जिसे ग्राम प्रधान या मुखिया कहा जाता है। मुखिया गांव के विकास के लिए सरकार द्वारा चयनित व्यक्ति होता है, जो सड़कों, नालियों और जल निकायों के निर्माण का कार्य करता है। इसके साथ ही गांव में छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करना भी ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होती है। जब गाँव के लोग इकट्ठे होकर बैठते हैं तो उसे चौपाल कहते हैं।


मुखिया चौपाल पर ग्रामीणों के साथ बैठक भी करता है, उनकी समस्याओं को सुनता है और उनका समाधान करता है। पहले गांव में कई चीजों का अभाव हुआ करता था, जैसे पक्की सड़कें नहीं होना, जिससे शादी, त्योहार या बारात के दौरान कई समस्याओं का सामना करना मुश्किल हो जाता था। आसपास अस्पताल या क्लीनिक नहीं होने के कारण लोग जल्दी डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते थे। इसी प्रकार कुओं, नलों और जलस्रोतों के अभाव में भी जल की घोर किल्लत हो गई थी।


लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई, उन्होंने भारत के सभी गांवों की किस्मत पलट दी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के गांवों के निवासियों के लिए बहुत कुछ किया है। आज भारत के सभी गाँवों में सस्ते आवास, शौचालय और राशन वितरण की योजना चलाई जा रही है और इन योजनाओं के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है।


गांव में रहना आनंददायक होता है, लेकिन आज के दौर में जब व्यक्ति की सभी जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं, तो वह शहर की ओर रुख करने लगता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज लोग गांव छोड़कर शहरों में बसने के लिए जा रहे हैं। इस चलन को रोक पाना बहुत मुश्किल है। इसके पीछे के कारण चाहे जो भी हों यदि समाधान नहीं हुआ तो हमारे जीवन के लिए गांवों से आने वाली आवश्यक जरूरतों की आपूर्ति खतरे में पड़ जाएगी।

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