मुंबई के बांद्रा का नाम वानरा था? Bandra was Vanra before ?

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मुंबई के बांद्रा का नाम वानरा था? Bandra was Vanra in mumbai ?


मुंबई का बांद्रा (Bandra) क्या सच में इसका नाम बांद्रा हो सकता है. या ये किसी पहले पड़े नाम का बिगड़ा हुआ रूप है?  क्यूंकि एक पुरानी मान्यता  के अनुसार श्रीराम और लक्षण के चरण मुंबई में उस समय पड़े थे जब वे सीता की खोज में निकले थे. मुंबई का वो स्थान बालकेश्वर कहलाता है. दक्षिण मुंबई के मध्य में बसा ये क्षेत्र बालेश्वर इसलिए कहा गया क्यूंकि यहाँ कभी श्रीराम ने बालू से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की थी इसलिए इस स्थान का नाम बालेश्वर पड़ा.माना जाता है कि भगवान श्री राम और लक्ष्मण  Mumbai  आए थे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन स्थानों का प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायण में महत्व है।

लेख में मुंबई के दो स्थानों वालकेश्वर और बाणगंगा पर चर्चा की गई है, जहाँ माना जाता है कि भगवान श्री राम और लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान आए थे। वालकेश्वर दक्षिण मुंबई में एक पड़ोस है, और बाणगंगा वहां स्थित एक पवित्र जल टैंक और तीर्थ स्थल है।

कहानी यह है कि भगवान श्री राम और लक्ष्मण ने भगवान राम की पत्नी सीता की खोज करते हुए इन स्थानों का दौरा किया था, जिन्हें राक्षस राजा रावण ने अपहरण कर लिया था। इन स्थानों को पवित्र माना जाता है और भक्तों को आकर्षित करते हैं जो यहां प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने आते हैं।

श्रीराम के साथ उनकी वानर सेना भी थी। अत: इसके मुताबिक ये माना जा सकता है कि  मुंबई के बांद्रा का नाम बांद्रा नहीं फिर तो वानरा ( Vanra) ही होगा। जिसका नाम बाद में बोलचाल की भाषा में बांद्रा, बांदरे  और बेंड्रॉ पड़  गया. किन्तु इस नाम पर रिसर्च किये जाने आवश्यकता है. 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये मान्यताएं पौराणिक कथाओं और धार्मिक परंपराओं पर आधारित हैं। इन दावों की ऐतिहासिक सटीकता को सत्यापित नहीं किया जा सकता है। फिर भी, ये स्थल हिंदू धर्म का पालन करने वाले कई लोगों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखते हैं।

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