आपने शायद गौर ना किया हो लेकिन ये सच है किसी भी इन्सान के मरने के कुछ दिनों बाद से ही उनकी वो सारी चीज़ें जिन्हें वो इस्तेमाल करते थे, यहाँ वहां अपने आप खिसकने लगती है. मतलब मृत व्यक्ति की वो सारी चीज़ें आपको कभी एक जगह से दूसरी जगह दिखेंगी और ये सब उन्हें ही दिखाई पड़ती है जिनकी राशि हल्की होती है और छाया भारी होती है. इसलिए किसी भी धर्म और जाति का व्यक्ति क्यूँ ना मरा हो आज भी इस नियम का पालन किया जाता है कि मृत व्यक्ति के गुजरते ही उसकी सारी चीज़ों को या तो श्मशान में फेंक दिया जाता है या फिर जला दिया जाता है.
कुछ लोगों को तो ऐसा भी आभास होता है कि मरा हुआ व्यक्ति उसकेबिल्कुल निकट ही हो. वो उसे आभास कर सकता है. लेकिन वो दिखाई नहीं देता. हमारा शरीर जो पञ्च तत्वों से मिलकर बना है किसी भी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखता है , फिर वो चाहे कोई आत्मा ही क्यूँ ना हो. लेकिन ऐसा करना बहुत घातक इसलिए हैं क्यूंकि किसी इन्सान के मरने के बाद उसका कोई भी जुड़ाव उस व्यक्ति या परिवार से फिर नहीं रह जाता..
आम तौर पर देखा जाता है कि ज़िंदा लोगों में मरे हुए लोगों के बारे में जानने की बड़ी जिज्ञासा होती है.. वो किसी तरह उनसे जुड़ना भी चाहते हैं. लेकिन आपके दादा, दादी, माँ, पिता आपके लिए वो जितने भी प्रिय रहे हो , वो आपके कितने भी करीबी और अन्तरंग रहे हो, जिस समय वो अपना शरीर त्याग देते हैं, आपके साथ उनका काम पूरी तरह से खत्म हो जाता है. यकीन मानिए, वे अपनी सारी चीज़ें यहीं छोड़ जाते हैं. वो सारी चीज़ें जो आप उनके बारे में जानते थे और आपको सदा उनके नजदीक रखती थी, वो खत्म हो चुकी होती है..अगर आपको अपने किसी मृत परिजन को याद करना है तो उनके साथ बिताये ख़ूबसूरत पलों को याद करे. वरना सब कुछ भूल जाए. अपने अपराध-बोध और किसी समस्या को तो किसी भी मृतक परिजन से जुड़कर हल करने की गलती कभी ना करे. ये बहुत घातक और जटिल हो सकती है.
मृतकों की दुनियाँ बहुत अलग होती है. उन्हें उसी दुनियाँ में छोड़ देना चाहिए. उनकी ओर वही लोग देखते हैं जिन्होंने इस विद्या में ख़ास महारत हासिल कर रखी होती है. एक बार देह छोड़ देने के बाद उन्हें आपके प्रेम और अपनेपन से क्या लेना देना. कोई मतलब नहीं रह जाता उनका किसी जीवित आत्मा से. फिर भी यदि आप अपने बार बार के प्रयासों के साथ उनसे जुड़ना चाहेंगे तो वो आपसे ज़रूर जुड़ेंगे लेकिन अपने अपने नियम और शर्तों के साथ..और एक बार आप उनके नियम और शर्तों से बंधन में बांध गए तो आप फिर इंसान नहीं रह पायेंगे....
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