हनुमान जी की माता अंजनी कितनी शक्तिशाली थीं जानिये ( Lord Hanuman Mother Anjani)

@Indian mythology
5


माता अनजनी 

हनुमान जी की माता अंजनी कितनी शक्तिशाली थी जानिये  ( Lord Hanuman Mother Anjani)


जानिये कितनी शक्तिशाली थीं हनुमान  (Hanuman)  की माता अंजनी? 


इच्छाधारी अंजनी :

icchadhari Anjani Hanuman's Mother


अंजनी के जन्म से पूर्व हनुमान की माता ( Mother of Hanuman) स्वर्गलोक की एक दिव्य कन्या (अप्सरा पुन्जिक्स्थ्ला) हुआ करती थीं. किन्तु अप्सरा होते हुए भी अंजना अत्यंत ही धार्मिक प्रवृत्ति की थीं. इसलिए एक बार किसी दूसरी अप्सरा ने अंजनी से इर्ष्या का भाव रखते हुए उसे महा -क्रोधी स्वाभाव वाले ऋषि दुर्वासा से श्राप दिलवा दिया. फलत: ऋषि दुर्वासा ने अंजनी को वानरी बन जाने का श्राप दिया. 



किन्तु जब ऋषि दुर्वासा ने देखा कि इसमें अंजनी की कोई त्रुटी नहीं थी तो उन्होंने श्राप में परिमार्जन कर अंजनी को इच्छाधारी का वरदान दिया .परन्तु  ऋषि द्वारा दिए गए श्राप के कारण अंजनी का वानर कुल में जन्म लेना अवश्यम्भावी था. अत: श्राप में परिमार्जन के कारण ही अंजनी का वानर कुल में जन्म होते हुए भी वह मनुष्य रूप में रह सकती थी .बहुत से लोग यही जानना चाहते होंगे कि अंजना यदि एक वानर हनुमान की माता थी तो वह स्वयं वानरी क्यूँ नहीं थी ? इसके पीछे ऋषि दुर्वासा का परिमार्जित किया हुआ श्राप ही था जिस कारण अंजनी एक इच्छाधारी स्त्री भी थी.


अंजनी में अपार शक्ति :


हनुमान ( lord hanuman Mother's power ) की माता अंजनी अंजनी कोई साधारण कन्या नहीं थीं .आप सोच सकते हैं, जो स्त्री महाबली हनुमान जी की माता रहीं हों वह भला एक साधारण औरत कैसे हो सकती हैं ? माता अंजना की अपार  शक्ति का उदहारण हमें तब देखने को मिलता है जब राम -रावण का युद्ध समाप्त होता है और श्रीराम, लंका विजयी के पश्चात अयोध्या के लिए प्रस्थान करते हैं. तब हनुमान जी की प्रार्थना पर श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी के साथ हनुमान की माता अंजनी से मिलने सुमेरु जाते हैं. किन्तु माता अंजना को जैसे ही ज्ञात होता है कि पापी- दुराचारी रावण को मृत्यु देने के लिए श्रीराम को बहुत कष्ट उठाने पड़े हैं तो माता अंजना अपने पुत्र हनुमान को इसके लिए बहुत डांट लगाती है कि  उसके रहते श्री राम को क्यूँ इतना कष्ट उठाना पड़ा? क्यूँ उसने अपनी माता की दूध की शक्ति का सम्पूर्ण प्रयोग नहीं किया ताकि  श्रीराम को धनुष उठाना नहीं पड़ता. उन्हें श्रम नहीं करना पड़ता. 




अपने सवभाव के अनुसार क्रोधी प्रवृत्ति के लक्षमण जी को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था कि माता अंजना अपनी दूध का इतना गुणगान करें . तब लक्ष्मणजी  की शंका को दूर करने के लिए माता अंजना (अंजनी) अपने कक्ष में चली जाती हैं. जिसके पश्चात राम और लक्ष्मण देखते हैं कि अचानक हवा में दुग्ध की एक फुहार सी निकलकर एक पर्वत से टकराई और वह पर्वत चकनाचुर हो गया. तब यह  दृश्य देख  माता अंजना के प्रति लक्ष्मण जी का संदेह दूर हो जाता है. 



लक्ष्मण जी  का संदेह तो उस समय  दूर हो गया था , किन्तु इधर हमारे पाठकों को कुछ संदेह हो सकता है. किन्तु यही सत्य है .जैसे हनुमानजी से जुडी उनके जन्म की कथा आनंद रामायण, शिवपुराण आदि कुछ पुस्तकों  में भिन्न- भिन्न तरीके से वर्णित है .मगर उनसे हनुमान जी की शक्तियां तो कम नहीं हो जातीं .उसी प्रकार हनुमान जी की माता अंजना की शक्तिओं को भी कम नहीं आंकनी चाहिए . झारखण्ड एवं राजस्थान में  तो माता अंजन के नाम से मंदिर भी स्थित है जहाँ उनकी पूजा होती है.            

                                                          

  • पुराने

    हनुमान जी की माता अंजनी कितनी शक्तिशाली थीं जानिये ( Lord Hanuman Mother Anjani)

एक टिप्पणी भेजें

5टिप्पणियाँ

Hi ! you are most welcome for any coment

एक टिप्पणी भेजें