200+ हिंदी (Hindi ) मुहावरों के अर्थ और वाक्य बनाना सीखें.
1.अंक देना – आलिंगन करना –
माँ ने अपने बच्चे को अंक दिया.
2.अंग ढीला- ढीला होना – बहुत थक
जाना – इस इस खेल ने मेरे अंगों को ढीला- ढीला कर डाला.
3.अंगारे उगलना – क्रोध या
बहुत गुस्से में आना . इस बात पर उसकी आँखों से अंगारे उगलने लगे.
4.अंगारे सिर पर धरना – बड़ी आपति
को सहन करना. इस वक़्त मैं खुद अंगारे अपने सिर पर धरे घूम रहा हूँ.
5.ऊँगलियाँ उठना – बदनाम होना, करना या दोष निकालना.- दूसरों पर ऊंगली मत उठावो.
6.ऊंगलियों पर गिना जाना –
संख्या में बहुत कम होना – तुम्हारी मुर्गियां तो ऊंगलियों पर गिनी जा सकती है .
7.अंधे की लाठी होना - एक मात्र सहारा बना - वो देखना तुम्हारे लिए अंधे की लाठी बनेगी
8.ऊंगलियों पर नचाना – वशीभूत
करना, किसी को अपनी गिरफ्त में रखना – रात दिन वो मुझे अपनी ऊंगलियों पर नचाता
रहता है.
9.अंगूठा चूमना – बड़ी विनती
या निवेदन करना . इस काम के लिए तुम्हे उसके अंगूठे को चूमने की ज़रुरत नहीं है.
10.अंजर – पंजर ढीला- ढीला करना – बहुत मारना पीटना- चोर
को मार मारकर उसका अंजर पंजर ढीला कर दिया गया .
11.अंतड़ियां
टटोलना – भेद या रहस्य का पता लगाना . ज़रा उसकी तुम अंतड़ियां तो टटोलो .
12.अँधा क्या चाहे दो आँख- मन की इच्छा पूरी होने की तम्मना करना. तुमने मेरे मन की बात कह दी. अंधा और चाहे भी क्या, बस दो आँख?
13.अंधा
क्या जाने बसंत बहार – या बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद. जिसे किसी चीज़ के बारे में जानकारी नहीं होती वो उसके
महत्व को नहीं जान सकता .
14.अँधाधुंध
उडाना – बिना सोचे -विचारे धन खर्च करना . आजकल वो अँधाधुंध पैसे उड़ा रहा है .
15.अंधे
के हाथ बटेर लगना – किसी को कोई वस्तु सहजता या आसानी से मिल जाना . बस कुछ
नहीं, अंधे के हाथ बटेर लग गया है भाई .
16.अंधेर
नगरी चौपट राजा – जहाँ अव्यस्था है वहां भले बुरे एक सामान हैं . कुछ नहीं बस अधेर
नगरी चौपट राजा वाला हाल है .
17.अक्ल
का दुश्मन – नासमझ . बुद्धिहीन – वो इस वक़्त खुद ही अपने अक्ल का दुश्मन बना बैठा
है.
18.अक्ल का पुतला – बड़ा बुद्धिमान पुरुष – वो तो जी अक्ल का पुतला है पुतला .
19.अक्ल के घोड़े दौड़ना – नाना प्रकार के विचार करना या दिमाग लगाना – काम हो जाएगा, ज़रा अपने अक्ल के घोड़े तो दौडाओ.
20.अक्ल
चकराना – बुद्धि काम न करना .समझ में न आना. भैया उस वक़्त तो मेरी अक्ल ही चकराई गयी थी, मै क्या करता भला?
21.अक्ल
पर पत्थर पढ़ना – भले बुरे का ज्ञान न होना. तुम्हारी तो अक्ल पर पत्थर ही पड़ गयी है
जो इस रिश्ते को ठुकरा रहे हो .
22.अक्ल पर पर्दा पड़ना – बुद्धि नष्ट होना. उस वक़्त क्या तुम्हारी अक्ल पर पर्दा पड़ा था जब तुम ये गलती कर रहे थे?
23.अक्ल
बड़ी कि भैंस? – शरीर बलवान होने से दिमाग या बुद्धि नहीं बढ़ जाती.
24.अक्ल
मारी जाना – बुद्धि भ्रष्ट हो जाना . तुम्हारी तो अक्ल ही मारी गयी है भाई .
25.अग्नि या आग में घी डालना – झगडे या विवाद को बढ़ाना. तुम अब आग में घी मत डालो, वरना
और बवाल मचेगा .
26.अटकल पच्चू – बिना सोचे विचार किये हुए. तुम्हे एक काम दिया था उसे भी अटकल पच्चू कर डाले .
27.अठखेलियाँ
करना – उपहास उड़ाना या मजाक करना. अठखेलियाँ मत करो और इसे गंभीरता से लो.
28.अति
भक्ति चोर का लक्ष्ण – आडम्बर करने वाला इंसान.
29.अधजल गगरी छलकत जाय – कम जानकारी अधिक दिखावा करना.
30."अपना उल्लू सीधा करना" – अपना मतलब निकलना – वो तुम्हारा काम नहीं बल्कि अपना उल्लू
सीधा कर रहा है .
31.अपना
घर समझना – किसी चीज़ का संकोच न करना. इसे आप अपना ही घर समझिये .
32.अपना
वही जो आवे काम – सच्चा मित्र वही जो समय पर काम आता है.
33.अपना
ही राग अलापना – केवल खुद के स्वार्थ की बात करना . उसकी सोचो, अपना ही राग मत
अलापो सिर्फ .
34.अपनी
पगड़ी अपने हाथ – अपनी प्रतिष्ठा अपने हाथ होती है .
35.अपने
पाँव पर कुल्हाड़ी मारना – अपने ही हाथों से अपनी हानि करना. अच्छा खासा चल रहा था, उसने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली .
36. अपने
मार्ग या रास्ते में काँटा बोना – ऐसा काम जिससे अपनी ही हानि हो. ऐसा करके
तुमने खुद ही अपने मार्ग में काटें बो लिए
हो .
37.अपने
मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – अपने मुँह से अपनी तारीफ करना या शेखी बघारना. बस- बस
रहने दो .अपने मुँह मियाँ मिट्ठू मत बनो .
38.आमदनी
अट्ठन्नी खर्चा रुपया – जितना आता है उससे ज्यादा पैसे खर्च हो जाना.
40.आँख कान खोलकर चलना – अति सावधान रहना.
41. आँखें
तरसना – किसी को देखने या मिलने का बहुत मन करना. उसे देखने के लिए मेरी आखें तरस गयी
है .
42.आखें
लगना – नींद आना. खाना खाकर मैं लेटा ही था कि आखें लग गयी .
43.आँखें
चार होना – प्यार होना . उसकी आखें रेखा से चार हो गयी .
44.आखें
फेरना – किसी को अनदेखा कर उससे मुँह मोड़ लेना- उसने तो हमसे जैसे अब आँखें ही फेर
ली है .
45.आँखों
पर पट्टी होना – असावधान रहना. किसी बात की जानकारी न होना . तुम्हारी आखों पर तो पट्टी बंधी है , खोलो उसे पहले तुम.
46.आँखों
में चुभना – बुरा लगना . पसंद ना करना . उसका घर कमला की आखों में चुभता है .
47.आँखों
में धुल झोंकना – धोखा देना. सब करना आखों में धुल मत झोंक देना .
48.आँखों
से काजल चुराना – बड़ी चालाकी से काम करना. यह काम वो ऐसे करता है जैसे कोई आखों से काजल
चुरा ले और पता न चले .
49.आँख़ें
फट जाना – चकित हो जाना. मेरी तो आखें ही फट गयी यह सब देखकर .
50.आँखों
में खटकना – बुरा लगना – वो तब से मेरी आखों में खटकने लगा है .
50.आकाश
पाताल एक करना – किसी चीज़ की जानकारी लेने या कोई काम के लिए बहुत मेहनत करना .आप चिंता मत कीजिये इसके लिए मै आकाश पाताल एक कर दूंगा .
51.आग
बबूला हो जाना – बहुत गुस्से में आ जाना. वो तो मुझे देखते ही आग बबूला हो गया .
52.आकाश से तारे तोड़ना – कठिन
कार्य करना.
53.आग पानी से गुजरना – सब तरह
के कष्टों को सहन करना.
54.आगे नाथ ना पीछे पगहा –
किसी सम्बन्धी का न होना, अनाथ.
55.आड़े हाथों लेना – भला बुरा कहना
56.आप भला तो जग भला – खुद के अच्छा रहना पर दुनियां अच्छी रहती है.
57.आपा खोना – होश खो देना
58.आम के आम गुठलियों के दाम –
किसी काम में दोगुना फायदा होना .
59.इतिश्री करना – समाप्त करना.
60.इतिश्री होना – समाप्त होना
61.ईंट से ईंट बजाना – नाश
होना kar dena.
62.उबल पड़ना – क्रुद्ध हो जाना.
63.उलटे पांव आना – लौट जाना
64.उल्लू बोलना – किसी जगह को
उजाड़ देना.
65.उंच –नीच का भेद न करना –
सबके साथ सामान व्यवहार करना
66.ऊंचा सुनना – बहरा होना.
67.ऊंची दूकान फीका पकवान – बहुत कुछ दिखाना मगर सब.
दिखावे का होना.
68.ऊंट के मुँह में जीरा – अधिक की ज़रुरत में थोडा ही देना या मिलना.
69.एक अनार सौ बीमार – एक चीज़
पर लाखों की नज़र.
70.एक और एक ग्यारह – एकता में
बड़ी ताकत है.
71.एकटक लगाना – निगाह जमाकर रखना.
72.एक तो चोरी ऊपर से सीना
जोरी - काम बिगाड़कर क्रोध दिखाना.
73.एक थैली के चट्टे बट्टे- एक संगठन , समाज या एक ही पाले में होना.
75.एक पंथ दो काज – एक काम में
से दो काम को कर देना.
76.एक म्यान में दो तलवार नहीं
रहते – एक स्थान पर दो शक्तिशाली लोग नहीं रह सकते.
77.एक सूत्र में बांधना – संगठित करना.
78.एक हाथ से ताली नहीं बजती –
अकेला आदमी कुछ नहीं कर सकता.
79.औंधे मुँह गिरना - हार जाना.
80.कंधा लगाना – सहायता देना .
81.कचुम्बर निकालना – बुरु हालत
कर देना .
82.कच्चा चिट्ठा खोलना - भेद
खोलना
83.कान – काटना – बड़ी चालाकी
देखा देना .
84.कान में फूंकना – कोई बात चुपके से सुना देना
85.कानाफूसी करना- भेद की बाद
धीरे से कान में कहना
86.काम को काम सिखाता है –
अभ्यास से काम करना आ जाता है.
87.काला अक्षर भैंस बराबर –
निरा मूढ़ या मुर्ख व्यक्ति
88.किताब का कीड़ा – अधिक पढने
वाला इंसान
89.किस खेत की मुली – तुच्छ या
छोटा इन्सान
90.ख़ाक छानना – भटकते फिरना.
91.खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचना
– लज्जित होकर क्रोध दिखाना
92.खून का प्यासा – खून करने के
लिए उद्धत
93.गाजर-मिली समझना – तुच्छ
समझना
94.घाव पर नमक छिडकना – दु:खी को और कष्ट
करना.
95.घी के दीपक जलाना – हर्ष और
आनंद मानना.
96.घुटने टेक देना – अधीन होना
,आत्मसमर्पण करना.
97.नीम हकिम खतरे जान - कम जानकरी खतरनाक है.
98. सौ सुनार की एक लुहार की - सौ बातों की एक बात कहकर चुप करना देना.
99.नांच ना जाने आँगन टेढ़ा - खुद जानकारी न होकर दोष निकालना.
100.अपना उल्लू सीधा करना - अपना मतलब निकालना .
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