200+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और उनसे वाक्य बनाना सीखें 💁

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    200+ हिंदी  (Hindi ) मुहावरों  के अर्थ और वाक्य बनाना सीखें. 






💁100 हिंदी (Hindi) के मुहावरे. 


 

1.अंक देना – आलिंगन करना – माँ ने अपने बच्चे को अंक दिया.


2.अंग ढीला- ढीला होना बहुत थक जाना – इस इस खेल ने मेरे अंगों को ढीला- ढीला कर डाला.


3.अंगारे उगलना – क्रोध या बहुत गुस्से में आना . इस  बात पर उसकी आँखों से अंगारे उगलने लगे.


4.अंगारे सिर पर धरना – बड़ी आपति को सहन करना. इस वक़्त मैं खुद अंगारे अपने सिर पर धरे घूम रहा हूँ.


5.ऊँगलियाँ उठना –  बदनाम होना, करना या दोष निकालना.- दूसरों पर ऊंगली मत उठावो.

 

6.ऊंगलियों पर गिना जाना – संख्या में बहुत कम होना – तुम्हारी मुर्गियां तो ऊंगलियों पर गिनी जा सकती है .


7.अंधे की लाठी होना - एक मात्र सहारा बना - वो देखना तुम्हारे लिए अंधे की लाठी बनेगी 


8.ऊंगलियों पर नचाना – वशीभूत करना, किसी को अपनी गिरफ्त में रखना – रात दिन वो मुझे अपनी ऊंगलियों पर नचाता रहता है.


9.अंगूठा चूमना – बड़ी विनती या निवेदन करना . इस काम के लिए तुम्हे उसके अंगूठे को चूमने की ज़रुरत नहीं है.


10.अंजर – पंजर ढीला- ढीला करना – बहुत मारना पीटना- चोर को मार मारकर उसका अंजर पंजर ढीला कर दिया गया .


11.अंतड़ियां टटोलना – भेद या रहस्य का पता लगाना . ज़रा उसकी तुम अंतड़ियां तो टटोलो .


12.अँधा क्या चाहे दो आँख- मन की इच्छा पूरी होने की तम्मना करना. तुमने मेरे मन की बात कह दी. अंधा और चाहे भी क्या, बस दो आँख?


13.अंधा क्या जाने बसंत बहार – या बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद. जिसे किसी चीज़ के बारे में जानकारी नहीं होती वो उसके महत्व को नहीं जान सकता .


14.अँधाधुंध उडाना – बिना सोचे -विचारे धन खर्च करना . आजकल वो अँधाधुंध पैसे उड़ा रहा है .


15.अंधे के हाथ बटेर लगना – किसी को कोई वस्तु सहजता या आसानी से मिल जाना . बस कुछ नहीं, अंधे के हाथ बटेर लग गया है भाई .


16.अंधेर नगरी चौपट राजा – जहाँ अव्यस्था है वहां भले बुरे एक सामान हैं . कुछ नहीं बस अधेर नगरी चौपट राजा वाला हाल है .


17.अक्ल का दुश्मन – नासमझ . बुद्धिहीन – वो इस वक़्त खुद ही अपने अक्ल का दुश्मन बना बैठा है.


18.अक्ल का पुतला – बड़ा बुद्धिमान पुरुष – वो तो जी अक्ल का पुतला है पुतला .


19.अक्ल के घोड़े दौड़ना – नाना प्रकार के विचार करना या दिमाग लगाना – काम हो जाएगा, ज़रा अपने अक्ल के घोड़े तो दौडाओ.


20.अक्ल चकराना – बुद्धि काम न करना .समझ में न आना. भैया उस वक़्त तो मेरी अक्ल ही चकराई गयी थी, मै क्या करता भला?


21.अक्ल पर पत्थर पढ़ना – भले बुरे का ज्ञान न होना. तुम्हारी तो अक्ल पर पत्थर ही पड़ गयी है जो इस रिश्ते को ठुकरा रहे हो .


22.अक्ल पर पर्दा पड़ना – बुद्धि नष्ट होना. उस वक़्त क्या तुम्हारी अक्ल पर पर्दा पड़ा था जब तुम ये गलती कर रहे थे?


23.अक्ल बड़ी कि भैंस? – शरीर बलवान होने से दिमाग या बुद्धि नहीं बढ़ जाती.


24.अक्ल मारी जाना – बुद्धि भ्रष्ट हो जाना . तुम्हारी तो अक्ल ही मारी गयी है भाई .


25.अग्नि या आग में घी डालना – झगडे या विवाद को बढ़ाना. तुम अब आग में घी मत डालो, वरना और बवाल मचेगा .


26.अटकल पच्चू – बिना सोचे विचार किये हुए. तुम्हे एक काम दिया था उसे भी अटकल पच्चू कर डाले .

 

27.अठखेलियाँ करना – उपहास उड़ाना या मजाक करना. अठखेलियाँ मत करो और इसे गंभीरता से लो.


28.अति भक्ति चोर का लक्ष्ण – आडम्बर करने वाला इंसान.


29.अधजल गगरी छलकत जाय – कम जानकारी अधिक दिखावा करना.


30."अपना उल्लू सीधा करना" – अपना मतलब निकलना – वो तुम्हारा काम नहीं बल्कि अपना उल्लू सीधा कर रहा है .


31.अपना घर समझना – किसी चीज़ का संकोच न करना. इसे आप अपना ही घर समझिये .


32.अपना वही जो आवे काम – सच्चा मित्र वही जो समय पर काम आता है.


33.अपना ही राग अलापना – केवल खुद के स्वार्थ की बात करना . उसकी सोचो, अपना ही राग मत अलापो सिर्फ .


34.अपनी पगड़ी अपने हाथ – अपनी प्रतिष्ठा अपने हाथ होती है .


35.अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना – अपने ही हाथों से अपनी हानि करना. अच्छा खासा चल रहा था, उसने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली .


36. अपने मार्ग या रास्ते में काँटा बोना – ऐसा काम जिससे अपनी ही हानि हो. ऐसा करके तुमने खुद ही अपने मार्ग में काटें बो लिए हो .


37.अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – अपने मुँह से अपनी तारीफ करना या शेखी बघारना. बस- बस रहने दो .अपने मुँह मियाँ मिट्ठू  मत बनो .


38.आमदनी अट्ठन्नी खर्चा रुपया – जितना आता है उससे ज्यादा पैसे खर्च हो जाना.


40.आँख कान खोलकर चलना –  अति सावधान रहना.

 

41. आँखें तरसना – किसी को देखने या मिलने का बहुत मन करना. उसे देखने के लिए मेरी आखें तरस गयी है .


42.आखें लगना – नींद आना. खाना खाकर मैं लेटा ही था कि आखें लग गयी .


43.आँखें चार होना – प्यार होना . उसकी आखें रेखा से चार हो गयी .

44.आखें फेरना – किसी को अनदेखा कर उससे मुँह मोड़ लेना- उसने तो हमसे जैसे अब आँखें ही फेर ली है .


45.आँखों पर पट्टी होना – असावधान रहना. किसी बात की जानकारी न होना . तुम्हारी आखों पर तो पट्टी बंधी है , खोलो उसे पहले तुम.


46.आँखों में चुभना – बुरा लगना . पसंद ना करना . उसका घर कमला की आखों में चुभता है .


47.आँखों में धुल झोंकना – धोखा देना. सब करना आखों में धुल मत झोंक देना .


48.आँखों से काजल चुराना – बड़ी चालाकी से काम करना. यह काम वो ऐसे करता है जैसे कोई आखों से काजल चुरा ले और पता न चले .


49.आँख़ें फट जाना – चकित हो जाना. मेरी तो आखें ही फट गयी यह सब देखकर .


50.आँखों में खटकना – बुरा लगना – वो तब से मेरी आखों में खटकने लगा है .


50.आकाश पाताल एक करना – किसी चीज़ की जानकारी लेने या कोई काम के लिए बहुत मेहनत करना .आप चिंता मत कीजिये इसके लिए मै आकाश पाताल एक कर दूंगा .


51.आग बबूला हो जाना – बहुत गुस्से में आ जाना. वो तो मुझे देखते ही आग बबूला हो गया .   

 


52.आकाश से तारे तोड़ना – कठिन कार्य करना.


53.आग पानी से गुजरना – सब तरह के कष्टों को सहन करना.


54.आगे नाथ ना पीछे पगहा – किसी सम्बन्धी का न होना, अनाथ.


55.आड़े हाथों लेना –  भला बुरा कहना


56.आप भला तो जग भला – खुद के अच्छा रहना पर दुनियां अच्छी रहती है.


57.आपा खोना – होश खो देना


58.आम के आम गुठलियों के दाम – किसी काम में दोगुना फायदा होना .


59.इतिश्री करना – समाप्त करना.


60.इतिश्री होना – समाप्त होना


61.ईंट से ईंट बजाना – नाश होना kar dena.


62.उबल पड़ना – क्रुद्ध हो जाना.


63.उलटे पांव आना – लौट जाना


64.उल्लू बोलना – किसी जगह को उजाड़ देना.


65.उंच –नीच का भेद न करना – सबके साथ सामान व्यवहार करना


66.ऊंचा सुनना – बहरा होना.


67.ऊंची दूकान फीका पकवान – बहुत कुछ दिखाना मगर सब.

दिखावे का होना.


68.ऊंट के मुँह में जीरा – अधिक की ज़रुरत में थोडा ही देना या मिलना.


69.एक अनार सौ बीमार – एक चीज़ पर लाखों की नज़र.


70.एक और एक ग्यारह – एकता में बड़ी ताकत है.


71.एकटक लगाना – निगाह जमाकर रखना.


72.एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी -  काम बिगाड़कर क्रोध दिखाना.


73.एक थैली के चट्टे बट्टे-  एक संगठन , समाज या एक ही पाले में होना.


75.एक पंथ दो काज – एक काम में से दो काम को कर देना.


76.एक म्यान में दो तलवार नहीं रहते – एक स्थान पर दो शक्तिशाली लोग नहीं रह सकते.


77.एक सूत्र में बांधना – संगठित करना.


78.एक हाथ से ताली नहीं बजती – अकेला आदमी कुछ नहीं कर सकता.


79.औंधे मुँह गिरना -  हार जाना.


80.कंधा लगाना – सहायता देना .


81.कचुम्बर निकालना – बुरु हालत कर देना .


82.कच्चा चिट्ठा खोलना - भेद खोलना


83.कान – काटना – बड़ी चालाकी देखा देना .


84.कान में फूंकना –  कोई बात चुपके  से सुना देना


85.कानाफूसी करना- भेद की बाद धीरे से कान में कहना


86.काम को काम सिखाता है – अभ्यास से काम करना आ जाता है.


87.काला अक्षर भैंस बराबर – निरा मूढ़ या मुर्ख व्यक्ति


88.किताब का कीड़ा – अधिक पढने वाला इंसान


89.किस खेत की मुली – तुच्छ या छोटा इन्सान


90.ख़ाक छानना – भटकते फिरना.


91.खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचना – लज्जित होकर क्रोध दिखाना


92.खून का प्यासा – खून करने के लिए उद्धत


93.गाजर-मिली समझना – तुच्छ समझना


94.घाव पर नमक छिडकना – दु:खी  को और  कष्ट करना.


95.घी के दीपक जलाना – हर्ष और आनंद मानना.


96.घुटने टेक देना – अधीन होना ,आत्मसमर्पण करना.


97.नीम हकिम खतरे जान - कम जानकरी खतरनाक है. 

98. सौ सुनार की एक लुहार की - सौ बातों की एक बात कहकर चुप करना देना.

 

99.नांच ना जाने आँगन टेढ़ा - खुद जानकारी न होकर दोष निकालना. 


100.अपना उल्लू सीधा करना - अपना मतलब निकालना .


और भी मुहावरें देखें  


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