शेरशाह सूरी द्वारा लडे गए युद्ध और उनकी मृत्यु (Sher Shah Soori battle & death)

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Sher Shah Soori Battle & death in Hindi 

शेरशाह सूरी द्वारा लडे गए युद्ध और उनकी मृत्यु 



शेरशाह सूरी युद्ध और  मृत्यु



1.शेरशाह सूरी के बचपन का नाम फरीद था.


2.फरीद के पिता हसनसुर की चार पत्नियां और आठ बच्चे थे.


3.फरीद अपने पिता हसनसुर की पहली पत्नी के संतान थे.


4.वर्ष1520 में पिता हसनसुर की मृत्यु के बाद फरीद को उत्तराधिकारी बनाया गया.


5.लेकिन बाकी भाइयों और रिश्तेदारों ने कलह-कलेश करना शुरू कर दिया.


6.फरीद सब छोड़कर बिहार के जागीरदार बाहार खां लोहानी के पास गया चला गया.


7.बाहर खां लोहानी के पास उस समय पूरा दक्षिण बिहार था.


8.फरीद ने अपनी बहादुरी से बाहार खान का दिल जीत लिया.


9.एक दिन फरीद ने अकेले एक शेर को मार डाला तब से उसका नाम शेरशाह पड़ गया.


10.बाहार खां का बेटा जलान खान था जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने शेरशाह को सौपी.


11.1526 में बाबर ने इब्राहिम लोदो को पानीपत के युद्ध में हराया जिसके बाद सभी अफगान स्वतंत्र हो गए.


12.बाहार खां लोहानी ने भी खुद को स्वंतंत्र घोषित कर लिया और उसने अपना खिताब लिया सुलतान मुहम्म्मद का.


13.1528 में बाहार खां के मरने बाद शेरशाह को पूरा बिहार मिल गया था.

14.शेरशाह ने वर्ष 1529 में मुहम्मद लोदी बंगाल के शासक को हराया.


15.1534 में शेरशाह ने सूरजगढ़ का युद्ध जीता और मोहम्मद शाह को हराया.


16.1539 में चौसा के युद्ध में शेरशाह ने हुमायूँ  को हराया


17.1540 में कन्नोज का युद्ध जीता.


18.खानवा के युद्ध में राणासांगा की हार से शेरशाह को फायदा हुआ


19.शेरशाह ने राजस्थान के बुन्देल खंड, रायसेन, चंदेली को कब्ज़ा करना आरम्भ कर दिया मगर कालिंजर का कीला उनके लिए काल बन गया.


 

शेरशाह सूरी की मृत्यु.



शेरशाह सूरी ने हर लड़ाई बहुत अच्छे से लड़ी लेकिन उसने कालिंजर कीले को कब्ज़ा करने के दौरान बहुत बड़ी गलती कर दी. उसने अब तक पुरानी आजमाई हुई रणीनीति को छोड़ कालिंजर कीले के बाहर 7 महीने तक पड़ाव डाला और फिर 22 मई 1545 में उस पर गोला- बारूद दागने शुरू कर दिए और एक गोला उनके मुँह पर फट जिससे वो वहीँ मारे गए. बाद में शेरशाह के के बेटे ने शासन संभाला मगर हुमायूं ने फिर आकर हिन्दुस्तान पर कब्ज़ा कर लिया.


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