1780-90 भारतीय पौराणिक सिक्कों पर शिवलिंग ( Shiv linga) राम और हनुमान ( Ram & Hanuman के चिन्ह. Maratha Kingdom released lord Shiva's ancient coins

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भारतीय पौराणिक सिक्कों पर शिवलिंग के चिन्ह.

Ancient lord Shiva, Rama & lord Hanuman marks were there in Indian coins in Maratha period .  

मराठा साम्राज्य द्वारा ज़ारी किये गए शिव के सिक्के.

1780-90 Maratha Kingdom released lord Shiva's coins

भारत के पौराणिक सिक्कों पर शिव पार्वती भगवान राम और हनुमान के चिन्ह. K2y86.

lord Ram, Hanuman & Shiva were there in ancient coins, release from Maratha period in India.



प्राचीन काल से भारतीय सिक्कों पर हिन्दू देवी देवताओं ( Indian Gods in ancient Coins) को स्थान  मिलता आ रहा है. कुषाण वंश ( Kushan dynasty ) और उजैनी राज्य ( ujjaini Kingdom) के सिक्कों पर  शिव ( Shiva) के स्वरुप में एवं विजय नगर के सिक्कों पर शिव- पार्वती  की छवि  का अंकन मिलता है. 


1780-90 भारतीय पौराणिक सिक्कों पर शिवलिंग ( Shiv linga)  राम और हनुमान  ( Ram & Hanuman  के चिन्ह. Maratha Kingdom released lord Shiva's ancient coins


शिव जी को लिंग ( Shiva Linga) के रूप में सर्वप्रथम इंदौर के होलकर वंश ( Holkar dynasty )  की महारानी अहिल्याबाई अपने चांदी एवं ताम्बे के सिक्कों पर स्थान दिया. भारतीय इतिहास ( Indian History) में राजमाता श्रीअहिल्याबाई एक कुशल प्रशासक, राजनीतिज्ञ, न्याय प्रिय , धार्मिक, कूटनीतिज्ञ , दूरद्रष्टा के रूप में जानी जाती है. 


श्री मल्हार राव होलकर ने होलकर राज्य (Holkar kingdom) की स्थापना की थी. उनके बेटे खंडेराव और उनकी धर्म पत्नी अहिलायाबाई ( Ahilyabai) के पुत्र भालेराव (Bhaleraw) की मृत्यु के बाद कोई पुरुष राजवंश का वारिस न होने से दत्तक पुत्र लेने का दबाव बनाया गया, जिसे उन्होंने बहुत चतुराई से अन्य हिन्दूराज्यों की मदद से ठुकरा दिया एवं भगवान् शिव के नाम से शासन किया.




अहिल्याबाई ने अपना राजकाज मल्हारनगर ( महेश्वर ) को राजधानी बनाकर वहां से किया और इस टकसाल (mint) से चांदी और ताम्बे के सिक्के ( silver & brass coins) ढलवाये. उन्होंने अपने सिक्कों पर शिवलिंग एवं बेलपत्र को अंकित किया. इसके पीछे दी कारण थे, एक तो भगवान शिव को राजा बनाकर एवं स्वयं को सेवक मानकर राज्य करना करना चाहती थीं. 


तथा दुसरे हिन्दू राजाओं को बताना चाहती थीं कि ये तो  (Kingdom of Shiva) शिव का राज्य है, इसके सिक्कों पर भी शिवलिंग के रूप में विराजमान है. दुसरे , इस शिव के राज्य पर  हमला करने या जीतने का मतलब था शिव पर आधिपत्य माना जाएगा और यह निति उनकी सफल रही, किसी ने आक्रमण नहीं किया.


अहिल्लयाबाई होलकर (Ahilyabai Holkar १७६७-१७९५)  द्वारा शिवलिंग चिन्हित ढलवाये गए थे सिक्के.  


पहला , ११.५ ग्राम चाँदी का रुपया जिसके पृष्ठ भाग पर शिवलिंग एवं टकसाल का नाम मल्लहार नगर लिखा था. आगे के भाग पर शाह आलम बादशाह गाजी ( Shah Alam Badshah Gaji) उर्दू भाषा में लिखा गया था. दूसरा , ८.७ ग्राम का ताम्बे का १/४ आना ( एक पैसा ) जिसके पृष्ठ भाग पर शिवलिंग एवं पेड़ की शाखा और अग्र भाग पर शाह आलम बादशाह उर्दू में लिखा है. तीसरा , ७.३ ग्राम ताम्बे का १/४ आना  (एक पैसा ) जिसके पृष्ठ भाग पर शिवलिंग बना है और आगे के भाग पर  शाह आलम बादशाह गाजी उर्दू में लिखा है. 


चौथा, तुकोजीराव होलकर ताम्बे का आधा वजन १६ ग्राम जिसके पृष्ठ भाग पर पूर्णत: विकसित शिवलिंग जलहरी के साथ एवं बैठा हुआ नंदी एवं आगे के भाग पर बेलपत्र और शाह आलम उर्दू में लिखा है.


मराठों द्वारा जारी शिवलिंग अंकित सिक्के.

Maratha released Shiva's coins.


मुल्हेर या औरंगनगर टकसाल ( ११७३ -१२२१ हिजरी ) का चाँदी का ११.० ग्राम रुपया जिसके पृष्ठ भाग पर शिवलिंग एवं हिंदी अक्षर मुं एवं आगे के भाग पर अजीजउद्दीन आलिमगिर उर्दू में लिखा है.


बुरहानपुर टकसाल  ( Burhanpur Mint ११७९ हिजरी ) का चाँदी का ११.५ ग्राम का रुपया जिसके पृष्ठ भाग पर टकसाल दारा उससरूर बुरहानपुर एवं शिवलिंग अंकित है . आग्रभाग पर शाह आलम बादशा गाजी एवं तारिख उर्दू में लिखी है.


ग्यालियर महाराज जियाजीराव सिंधिया ( १८४३ -१८८६ ईस्वी ) द्वारा ताम्बे का पैसा चलाया गया, जिसके आगरा भाग पर ( lord Hanuman) हनुमान एवं पृष्ठ भाग पर टकसाल रजौद लिखा है.


दक्षिण एशिया के स्वतंत्र राज्य शिवगंगा के लार्ड्स ( १७४३-१८०१ ईस्वी) द्वारा चलाया गया ताम्बे का ३.०० ग्राम सिक्का , जिसे दो कसू कहते हैं , इसके आगरा भाग पर शिवलिंग जलहरी के साथ अंकित हैं एवं पृष्ठ भाग पर विष्णु ( lord vishnu) अंकित किया गया है. इसे पता चलता है राज घराने धार्मिक प्रविर्ती के थे. .   

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