18 वीं सदी में आलू ( potato) कब कैसे और क्यूँ भारत लाया गया?
India mein potatoes 18th century mei kaise aaya ?
आलू एक ऐसी सब्जी है जो भारत में शाकाहारी से लेकर माँसाहारी वर्ग तक खाते हैं. लेकिन जिस आलू को हम भारतीय सब्जी समझते हैं क्या वो सच में भारतीय है या फिर आलू कहीं विदेश से आया है? जानिये आलू से जुड़े अनोखे किस्से, सवाल जवाब के रूप में.
आलू एक तना वाला पत्तेदार पौधा होता है जिसमे विटामिन सी, बी काम्प्लेक्स, आयरन, कलिशियम, मैंगनीज,फास्फोरस और विटामिन भी पाया जाता है. ये ज़मीन के भीतर उगता है. इसकी पैदावार ज़मीन के कुछ नीचे तक होती है और काफी तीजी से फैलती जाती है. आलू के एक-एक पौधों में सैकड़ों आलू लग जाते हैं. अगर खाद-पानी और देखभाल अच्छी रही तो ये ज़मीन से बड़े -बड़े निकलते हैं.
दुनियाँ में सबसे पहले आलू कहाँ पाया गया? ( duniyan mei sabse pehle aloo or potato kahan paaya gaya?)
कुछ रिसर्च बताते हैं कि आलू जिसे हम अपने खान-पान और संस्कृति से जोड़े बैठे हैं वो यहाँ कि उत्पत्ति तो है ही नहीं. माना जाता कि कि आलू पहले टिटिकाका झील, जो दक्षिण अमेरिका है उसी के किराने उगता था. ये झील एंडीज पर्वत के नीचे का क्षेत्र में है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 3800 मीटर ऊंची है. हम कह सकते हैं कि इसी क्षेत्र में आलू का जन्म आज से 8 हज़ार साल पहले हुए था.
आलू की उत्पत्ति कैसे हुई? ( aloo और potato ki utpatti kaise hui ?)
जिस प्रकार कई जीव - जंतुओं के पड़ावों से गुजरने के बाद मनुष्य ने अपना आकर लिया ठीक उसी प्रकार की प्रक्रिया पेड़- पौधों के साथ भी होती है. आलू के साथ भी यही हुआ होगा. बीजों के कई रासायनिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद आलू के पौधे की भी उत्पत्ति हुई होगी. लेकिन पहले इसे लोग खाते नहीं थे. रूस में तो इसे शैतानी सेब तक कहा जाता है. इसकी कहानी टमाटर से कुछ मिलती जुलती है जब लोग लाल टमाटर को विष का फल समझते थे. चीन के बाद सबसे अधिक पैदावार आलू की रसिया में ही होती है.
भारत में आलू कब आया ? ( India mein Potato और aloo kab aaya?)
भारत में आलू 18 वीं शताब्दी के आस पास आ चुका था. इससे पहले ये यूरोपिय देशों की सब्जी थी. इसे अमेरिका के लोग तब से खाते आ रहें जब ये भारत नहीं पहुंचा था. एक अँगरेज़ अफसर जो उस समय भारत के गवर्नर जेनरल थे, वारेनहेस्टिंग, उन्ही को इसका श्रेय जाता है जिन्होंने आलू को भारत में काफी प्रमोट किया. मुगलों को आलू बहुत प्रिय थे वे इससे कई तरह के डिश बनाया करते थे. मुगलों में जहाँगीर थे उन्ही के काल में आलू को यूरोप से भारत लाया गया था. इसे कुछ व्यपारी लेकर आये थे. तब से आलू यहीं रह गया. ये चावल , गेहूं और मकई के बाद चौथी सबसे ज्यादा पैदावार करने वाली फसल मानी जाती है. भारत की ज़्यादातर सब्जियों में इसी आलू को डालकर सब्जी पकाई जाती है. आलू के की सिर्फ सब्जी ही नहीं बल्कि चिप्स, अचार, पापड़. पकौड़ी आदि भी बनते हैं. त्वचा के जल जाने उसकी जलन को मिटाने के लिए आलू को कूटकर औषधि की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोग मानते हैं कि आलू खाने से चर्बी बढ़ जाती है. लेकिन इसमें कई गुण भी हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है.
भारत में सबसे अधिक आलू कहाँ पाया जाता है? ( India mei sabse adhik aloo or potato kahan paya jaata hai?)
आलू की पैदावार सबसे अधिक चीन में होती है. रूस और फिर उसके बाद नंबर आता है भारत का. भारत में भी संबसे अधिक आलू कि पैदावार उत्तरप्रदेश में होती है. पहले किस्म के आलू को फुलवा कहा गया जो मैदानी इलाकों में हुआ करता था. इसके बाद दुसरे किस्म के आलू हुए गोला. इसका नामकरण गोला इसलिए हुआ क्यूंकि ये दिखने में गोल -मटोल हुआ करता था. तीसरे किस्म के आलू का नाम पड़ा साठा आलू. इस आलू की विशेषता ये थी कि ये इसकी पैदावार 60 दिनों में हुआ करती थी..
महत्व - ( importance of potatoes)
दुनियाँ का ऐसा कोई ऐसा देश नहीं जो आलू से परिचित ना हो. किसानो के लिए ये एक ऐसी फसल है जिसे उगाने में कोई परेशानी नहीं होती. इसे बस बो दो और ये खुद ही ज़मीन के भीतर अपने आप ही पनपने लगते है. आलू का महत्व इसलिए भी अधिक रहा कि ये जल्दी ख़राब नहीं होता. युद्ध में इसे साथ ले जाया जाता था जहाँ सैनिक और योद्धा इसे महीनों तक खाते थे. बाद में कुछ वैज्ञानिकों ने आलू की एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति का ट्रांसफॉर्म करवाया. वैसे आलू के कई किस्मे हैं जैसे कि सुरंग , मीठा शाख आलू, शकरकंद. ये सभी आलू की कैटिगिरी में आते हैं और इनका उत्पादन करना आसन और सरल भी है.
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