नागमणि के रहस्य पर वैज्ञानिक रिसर्च क्या कहता है? ( Nagmani ka rahasya & scientific research )

@Indian mythology
0

नागमणि क्या होती है ? नागमणि कहाँ और कैसे मिलती है? नागमणि की कीमत क्या है? 

                                                      story of nagmani

नागमणि का रहस्य और वैज्ञानिक रिसर्च  ( Nagmani ka rahasya & scientific research )




नागमणि क्या है ? ( Nagmani kya hai?)


नागमणि एक ऐसा आभूषण अथवा चमकीला पत्थर है जो नाग सांप या सर्प से निकलता है. लेकिन नागमणि सर्प से तब निकलता है जब सर्प उसे खुद अपने माथे से बाहर निकालता है. इसे एक बहु- मूल्य पत्थर माना जाता है.  लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि भला एक सर्प के माथे में पत्थर या मणि कैसे आती होगी?  वह मणि अचानक कहाँ से आती है या कोई नाग अपने सर पर मणि कैसे बना लेता है.? 


सर्प यानि कि Snake एक ऐसा प्राणी है जिसे भारत में जितना अधिक सम्मान मिला उतना कहीं नहीं मिला क्यूंकि सांप को हम आदि काल से पूजते आ रहे हैं और इसके पीछे कारण है, उसका भगवान शिव के साथ जुडा होना. महादेव शिव का एक नाम भुजंगधारी भी है. भुजंग का मतलब होता है सर्प. देखा जाए तो हमारी संस्कृति में हर उस जीव को सम्मान मिलता जो धरती पर पैदा हुआ है , फिर चाहे वो एक  छोटा सा चूहा हो या  फिर सिंह, वो किसी न किसी प्रकार से हमारे देवी-देवताओं के साथ जुड़े हुए हैं. सर्प के साथ भी यही है. लेकिन  एक सर्प को जो चीज़ ख़ास बनाती है वो उसकी मणि है. आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी कुछ वैज्ञानिक और कुछ धार्मिक तथ्यों से. 



नागमणि का वैज्ञानिक सच

नागमणि कहाँ से और कैसे बनती है ?



                                            सांप के भीतर ऐसी बनती है नागमणि 


सांप के भीतर ऐसी बनती है नागमणि


वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्र में रहने वाले कई सर्पों के पास जो ख़ास चीज़ है उसे पाएनियल फोरमिन कहते हैं. यानि कि उनके माथे पर एक छिद्र होता है और वहां लाइट सेन्सर्स होते हैं. इसे पायनियल ऑय (आँख) कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये आखं करीब १०० मिलियन वर्ष पहले लुप्त हो गयी थी. लेकिन आधुनिक वैज्ञानिकों का दावा है कि अभी भी कुछ सर्पों में पायनियल आखं मौजूद है.

 

जब एक सर्प की उम्र बढती है खासकर के नाग सांप की जो दक्षिण में पाए जाते हैं, उनके लिए आहार जुटाना मुश्किल होता जाता है. क्यूंकि बढती उम्र के साथ उसकी शरीरिक पेशियाँ कमज़ोर होने लगती है. जिसके बाद वो अपने विष को जमा करना शुरू कर देता है. ये एक धरती पर पाए जाने वाला  ख़ास प्रोटीन है .ऐसा प्रोटीन और किसी भी जीव में नहीं होता जिससे आज कई तरह कि दवाइयां बनाई जा रही हैं.



नागमणि कैसी दिखती है?


 जब कोई सांप इसे इकट्ठा करने लगता है तो वो crystalize होना शुरू हो जाता है जो उसके माथे पर आने लगता है. इसे आप ऐसे समझिये कुछ रासायनिक प्रक्रिया के कारण हमारे पेट के भीतर भी पत्थर बन जाते हैं . यह पत्थर रात को हरे नीले रंग का दिखता है और इसी कारण छोटे-छोटे कीड़े उस रौशनी के पास चले आते हैं जिन्हें सर्प अपना आहार बना लेता है. प्रकृति ने ये खूबी सापों को इसलिए दी है ताकि वो कमज़ोर हो जाने के बाद भी जीवित रह सके. 


वैसे माना जाता है कि कमज़ोर होने के बाद  एक सर्प 15 दिनों के बाद ही भोजन करता है. लेकिन बाद में उसके दिन बढ़ने लगते हैं और वो एक महीने तक भोजन नहीं करता . वो अपने स्थान से कहीं नहीं जाता फिर तब रात में उसके माथे की मणि चमकती है और उस मणि की चमक से कई कीट-पतंग और टिड्डे उसके पास चले आते हैं तो सर्प उनका आहार कर लेता है. यही एक सर्प की नागमणि है जिसका ये वैज्ञानिक सत्य है.  


लोग मानते हैं ये एक दिव्य चमकीला पत्थर है जिसे पाने की कामना सभी करते हैं. कई लोग इस मणि की खोज में नागों को पकड़ते हैं और उन्हें मारकर इसे पाना चाहते हैं. लेकिन जो पत्थर किसी सर्प के माथे से निकलता है वो बिना चमकाने वाला कच्चा पत्थर होता है. इसका फिर कोई उपयोग नहीं रह जाता. ये पत्थर तभी काम की मानी जाती है जब कोई नाग इसे स्वयं ही ज़मीन पर गिराता है. ये मणियाँ वहीँ मिल सकती है जहाँ सर्प बहुत सालों से अपना घर बनाकर रहते आ रहे हैं.


नागमणि  का आध्यत्मिक  सच 


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नागमणि को एक बहुत ही अलौकिक और दिव्य पत्थर माना जाता है जिसका सम्बन्ध नाग -नागिन से होता है. माना जाता है उस प्रकार की नाग -नागिन जिसकी उम्र हजारों साल हो चुकी होती है वही इसे धारण करते हैं. उन नाग-नागिन को इच्छाधारी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि एक नागमणि सात राजाओं के धन के बराबर होता है. जिसके पास ये मणि होती है वो कभी गरीब नहीं रहता और ना ही उसे कभी कोई सर्प काटता है. 


नागमणि को लेकर पुराणों में कई कहानियाँ प्रचलित हैं क्यूंकि ये नागलोक और नाग वंशों से भी जुडा है. लेकिन आज तक किसी ने कोई इच्छाधारी सर्प या उनकी नागमणि देखी हो, ऐसा कहीं कोई जिक्र नहीं है. फिर भी इसकी मान्यता कभी घटी नहीं. आज भी लोग नागमणि के रहस्य को जानने में उत्सुकता रखते हैं . बहुत से लोग आज भी इससे सम्बन्धी किताबे भी ढूंढते हैं और पता लगाने कि कोशिश करते हैं कि नागमणि क्या है और नागमणि कैसी होती है?  कुछ लोग तो ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर नागमणि की कीमत क्या है ? लेकिन नागमणि का रहस्य आज भी एक रहस्य है.  


नागमणि किस काम आती है ? 


हिन्दू ज्योतिष विज्ञान के अनुसार जैसे पन्ना, नीलम, मूंगा, मोती, माणिक आदि पत्थर, ग्रह अनुसार काम करते हैं उसी प्रकार नागमणि भी एक पत्थर ही है. किन्तु इसका मिलना अत्यंत दुर्लभ है तो इसका लाभ भी अत्यंत विशेष ही माना जाता है. किन्तु जिसे ये मिलती है वो इसके बारे में कभी बताता नहीं. इससे पता नहीं चल पाता कि उस इन्सान को मिली मणि असली है भी या नहीं. लेकिन माना जाता है कि इसे घर की मिटटी की हांडी में रख दिया जाता है ताकि धन की प्राप्ति हो सके. कुछ इसे अंगूठी भी भी धारण कर लेते हैं. माना जाता है कि इसे धारण करके रखने पर कोई सर्प नहीं काटता. इसके अलावे नागमणि किसी काम नहीं आती. कोई सुनार या जौहरी इस बारे में और अच्छी तरह से बता सकता है कि नागमणि का पत्थर अन्य दुसरे पत्थरों से भिन्न कैसे हैं? लेकिन इसमें भी वैसे ही जौहरी बता पायेंगे जिन्होंने कभी इसके दर्शन किये हो. और मुझे नहीं लगता कि आज तक किसी जौहरी के पास कोई नागमणि लेकर पहुंचा होगा.    


  

    



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Hi ! you are most welcome for any coment

एक टिप्पणी भेजें (0)