ओशो रजनीश ( Osho Rajnish) एक बहुत बड़े दार्शनिक हुए जिन्होंने कई विषयों पर अपने व्याख्यान दिए हैं. एक सुन्दर स्त्री पर ओशो रजनीश क्या कहते हैं ये जानना चाहिए . सुन्दर लड़की और धन का सम्बन्ध बहुत विचित्र होता है.
स्त्रियाँ आम तौर से धन में उत्सुक होती हैं. ये तुमने ख्याल किया ? धनी को सुन्दरतम स्त्री मिल जाती है. चाहे वो धनी सुन्दर ना हो. यदि बुढा भी हो धनी, तो भी उसे युवा स्त्री मिल जाती है. फिर ये तो सोचने जैसा है कि स्त्री को धन में इतनी उत्सकुता क्या है?? स्त्री काम है. धन के बिना काम के खिलने की सुविधा नहीं है. धन तो ऐसे है जैसे पौधे में पड़ी खाद .
बिना खाद के फूल ना खिल सकेगा. इसलिए स्त्री की सहज आकांक्षा धन की है. वह बलशाली आदमी को खोजती है. महत्वाकाक्षी को खोजती है. धनी को खोजती है.. पद वाले वाले को खोजती है. स्त्री सीधे सीधे चेहरे पे नहीं जाती. चेहरे मोहरे का हिसाब स्त्री नहीं रखती. इसलिए कभी कभी आश्चर्य होता है- सुन्दरतम स्त्री कुरुप से कुरुप आदमी को भी ढूंढ लेती है. बशर्ते उसकी जेबें भरी हो. वो ज़रूर ऊचे पद पर होगा. अन्यथा स्त्री की दृष्टि उस पर ना जायेगी. सुन्दर स्त्री की आकांशा बड़े गहरे अर्थ की है. क्यूंकि वो जानती है अगर अर्थ होगा, तो ही वह खिल पाएगी. तो ही उसका सौंदर्य निखर पायेगा. धन सुविधा है.. इसलिए स्त्रियाँ आमतौर से धन से उत्सुक होती है.
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