आजकल Ram Nagari Ayodhya के नाम की धूम मची है क्यूंकि वहां 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम विराजित हो गए. माना जाता है कि इसके लिए प्रभु श्रीराम को ५०० वर्षो तक कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा तब जाकर उन्हें उनका घर यानी कि निवास स्थान मिल गया. ये हमारे देश की विडम्बना है कि जो धरती राम- कृष्ण -बुद्ध और नानक की है वहां लोगों के लोगों को अपने आराध्य भगवान के लिए ना सिर्फ कानून का दरवाजा खटखटाना पड़ता है बल्कि एक लम्बे समय की प्रतीक्षा भी करनी पड़ती है. देर ही सही लेकिन आखिरकार प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद का फल उनके भक्तों को मिल गया और रामलला ( Ramlala Shree Ram) अयोध्या में विराजित हो गए. किन्तु क्या आपको पता है कि जिस अयोध्या की धूम आज पूरी दुनियाँ में मची है उस अयोध्या का इतिहास क्या है. क्या है अयोध्या कि कहानी ( Story of Ayodhya) अयोध्या नगरी . City of Ayodhya का इतिहास क्या है? आज हम आपको आज वही History of Ayodhya यानी कि अयोध्या के बारे में बताने जा रहे हैं.
About Ayodhya city ( History of Ram's Ayodhya)
जानिये अयोध्या नगरी के नाम के पीछे का रहस्य जानिये.
भारतवर्ष के उत्तरी सीमा पर, आज से हजारों वर्ष पूर्व बनी एक भव्य नगरी अयोध्या, एक ऐसा पवित्र स्थान है जो सिर्फ प्रभु श्रीराम की जन्म भूमि के ही कारण प्रसिद्द नहीं हुआ बल्कि अयोध्या को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है. लेकिन दोस्तों, क्या आपको पता है कि आखिर इस महान और भव्य नगरी का नाम अयोध्या ही क्यूँ पड़ा? और अयोध्या के नाम का क्या अर्थ है.? आज से हजारों वर्ष पूर्व, कौशल प्रांत में स्थित अयोध्या नगरी, शुरू से ही इक्ष्वाकु राजवंशों का निवास रहा, जहाँ आज से कई युगों पहले भगवान विष्णु के दाहिने चरण के अंगूठे से गंगा जी और उनके बाएं चरण के अंगूठे से सरयू नदी निकलीं, जिसके बाद इस स्थान को एक ऐसा पवित्र धाम माना गया जो ब्रह्म-ह्त्या के दोष का भी नाश कर देती है. वास्तव में अयोध्या नगरी का नामकरण, त्रिदेवों के संयुक्त नामों के अर्थ से हुआ है. कैसे ? जानिये . अकार ब्रह्मा को कहते हैं. यकार विष्णु का नाम है और धकार रूद्र स्वरुप है. इस प्रकार त्रिदेवों के नाम के योग से जो नाम बना वो अयोध्या कहलाया. एक अर्थ में त्रिदेवों के नाम से बनी एक ऐसी भव्य और महान नगरी जिसे कोई भी महान से महान योद्धा जीत नहीं सकता था, उसे ही अयोध्या कहा गया.
2.राम नाम का अर्थ और कैसे दिखते थे राम जानिये?
Meaning of Ram . Ram ke naam ki meaning jaaniye
दोस्तों, श्रीराम के बारे में तो सभी जानते होंगे. लेकिन क्या आपको उनके नाम का अर्थ और राम जी वास्तव में कैसे दिखते थे ये पता है.?अगर नहीं पता, तो हम आपको आज बताने जा रहे हैं. आज से नौ हज़ार पांच सौ वर्ष पूर्व, कौशल प्रांत स्थित, अयोध्या नगरी के इक्ष्वाकु वंश में, जिन दशरथ नंदन का जन्म हुआ, उनका नाम ऋषि वशिस्ठ जी ने राम रखा. राम में “रा” का अर्थ प्रकाश से है और म का अर्थ स्वयं से है. अर्थात राम नाम का पूरा अर्थ हुआ, जो स्वयं को भीतर से प्रकाशित रखे. अपने नाम के ही अनुकूल राम जी एक निश्छल और मर्यादित पुरुष थे. चार भाइयों में सबसे बड़े राम का जन्म, चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी, दिन मंगलवार को हुआ था. पुराणों के अनुसार राम जी का शारीरिक वर्णन इस प्रकार है कि उनकी भुजाएं अत्यंत ही बलशाली थीं, जो घुटनों तक पहुँचती थी. उनकी ग्रीवा अर्थात गले में शंख के समान तीन रेखाएं थीं. उनके सीने काफी चौड़े और आखें सामान्य से हल्की बड़ी थीं. रंग भी हरित आभा-युक्त सांवला था और वो सदा प्रसन्न रखने वाले एक मिलनसार राजकुमार थे. उनकी वाणी में हमेशा गंभीरता रहती थी और वो एक कुशल वाक्पटु भी थे जिनके पास सभी प्रश्नों के उत्तर रहते थे.
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