pd act or preventive detention act kya hai? प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट

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पी.डी एक्ट अथवा प्रिवेंटिव डिटेंशन  एक्ट क्या है जानिये.



pd act or primitive detention act kya hai?



भारत का संविधान भारत कि सम्पूर्ण न्याय व्यवस्था का मेरुदंड है जिसमे वर्णित धाराओं के आधार पर ही किसी भी अपराधी को Code of Criminal procedure के तहत  दंड दिए जाने का प्रधान है. भारत का संविधान कहता है भले ही हजारों दोषी रिहा हो जाए मगर एक भी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए .लेकिन फिर भी हमारे यहाँ लोग केस मुक़दमा से डरते हैं. क्यूंकि कहते हैं  एक केस में ही इंसान कि जिंदगी ख़त्म हो जाती है मगर उसका केस ख़त्म नहीं होता. 

हम यहाँ आज एक ऐसे ही अपराध के बारे जानेंगे जिसे pd act या preventive  detention act कहा जाता है. इस एक्ट में कोई भी पुलिस किसी व्यक्ति पर ये charge तभी लगाती है जब वो व्यक्ति कई बार अपनी गलत बयानबाजी से सामाजिक सोहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर चुका होता है. ऐसे अपराधी को पुलिस trouble maker मानती है जो बार- बार मना करने के बाद भी ऐसी बयानबाजी करता है जिससे समाज में शान्ति भंग होने का खतरा बढ़ता जाता है. 

तब पुलिस परेशान होकर उस उस व्यक्ति के यहाँ दबिश देती है और उसे जाकर अरेस्ट कर लेती है. इस केस में अपराधी के पकडे जाने पर उसे एक साल तक preventive custody में रखा जाता है. इस केस में ख़ास बात ये है कि इसमें कोर्ट जाने कि ज़रुरत नहीं पड़ती. अभी हाल ही में हैदरबाद के गोसा महल से दो बार बीजेपी के विधायक रह चुके राजा सिंह को पुलिस ने इसी pd act or preventive detention act के तहत गिरफ्तार किया है .राजा सिंह पर विशेष समुदाय के भगवान् पर गलत बयानबाजी करने का आरोप लगा था. जब राजा सिंह को पहली बार हैदराबाद की पुलिस ने गिरफ्तार किया था तो कोर्ट ने उन्हें अब आगे से  गलत बयानबाजी न करने एवं मिडिया के सामने न आने के शर्त पर रिहा कर दिया था, मगर सूत्रों के अनुसार उन्होंने पुन: एक और वीडियों बनाकर उन्हें प्रसारित कर दिया था जिसके बाद पुलिस ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया.
 



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